Unnao News: उन्नाव में पौधों की सुरक्षा के लिए बनाए जाने वाले ब्रिक गार्ड के निर्माण में जमकर खेल हो रहा है. लगभग एक करोड़ की लागत से बनने वाले ब्रिक गार्ड में अफसरों की मिली भगत से ठेकेदार इनके निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं. सरेआम इनके निर्माण में ब्रिक गार्ड के निर्माण दोयम दर्जे की ईंट, सीमेंट और बालू का इस्तेमाल हो रहा है और जब इसकी शिकायत की जाती हैं तो जांच के नाम पर अधिकारी कहते हैं कि जब सारी ब्रिक गार्ड का निर्माण हो जाएगा तब जांच की जाएगी.
घटिया सामग्री का हो रहा है इस्तेमाल
उन्नाव में वन विभाग को लगभग 4000 ब्रिक गार्ड बनाने थे. कर्मचारियों की मानें तो एक ब्रिक गार्ड पर करीब ₹3000 खर्च आता है. इस तरह ब्रिक गार्ड के निर्माण में एक करोड़ रुपए खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है. एक तरफ सरकार स्वस्थ और सुंदर पर्यावरण के लिए दिल खोलकर खर्चा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विभागीय अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से ब्रिक गार्ड के निर्माण में जमकर खेल किया जा रहा है. वन विभाग के अफसरों की मानें तो इनमें से अभी कहीं पर भी निर्माण सामग्री की जांच नहीं की गई है. जब ये कार्य पूरा हो जाएगा तब गुणवत्ता की जांच की जाएगी.
गुणवत्ता टीम की जांच के बाद ही होगा भुगतान
उन्नाव के डीएफओ ईसा तिवारी का कहना है कि 36 सौ के आसपास ब्रिक गार्ड बनने हैं. अभी तक लगभग 12 से 16 सौ तक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इनका भुगतान गुणवत्ता टीम रिपोर्ट के बाद ही किया जाएगा. यह गार्ड टेंडर के जरिए बनवाए जा रहे हैं. सभी ब्रिक गार्ड के बनने के बाद 5 सदस्यीट टीम इसकी जांच करेगी अगर ये सही क्वालिटी के नहीं हुए तो टेंडर को निरस्त कर दिया जाएगा.
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