देहरादून, एबीपी गंगा। उत्तराखंड में शुक्रवार से ध्वनि और वायु प्रदूषण जांच न कराने वाले वाहन चालकों को मोटी रकम जुर्माने के तौर पर भुगतनी होगी। जो वाहन ध्वनि और वायु प्रदूषण जांच नहीं कराएंगे, उनसे नई दरों पर 2500 रुपये कंपाउंडिंग शुल्क वसूला जाएगा। वहीं, शुक्रवार से चाइल्ड सीट बेल्ट का प्रयोग न करने पर भी जुर्माना लागू हो जाएगा। इसके साथ ही, शुक्रवार से राज्य में संसोधन हुए मोटरयान अधिनियम की भी शुरुआत हो जाएगी।


बता दें कि 31 अक्टूबर यानी आज से प्रदेश सरकार द्वारा दी गई छूट की मियाद खत्म हो रही है। दरअसल, परिवहन विभाग ने 31 अक्तूबर तक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से नई दरों के हिसाब से जुर्माना न वसूलने का फैसला किया था।



प्रदेश सरकार ने पिछले महीने मोटरयान अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के मामले में कंपाउंडिंग शुल्क संशोधित कर लागू किया था, लेकिन प्रदूषण जांच और चाइल्ड सीट बेल्ट के मामले में वाहन स्वामियों व चालकों को एक महीने की रियायत दे दी थी।


चाइल्ड सीट बेल्ट को लेकर लोगों में हो जागरूकता


सरकार द्वारा ये कहा गया कि ये छूट सरकार ने इसलिए दी ताकि वाहनों के प्रदूषण की जांच कराने का कुछ समय मिल सके और चाइल्ड सीट बेल्ट को लेकर लोगों में जागरूकता आ सके। शासन ने इन दोनों धाराओं में कंपाउंडिंग शुल्क एक नवंबर से वसूलने का फैसला किया था। शुक्रवार को यह समयसीमा खत्म हो जाएगी।


जेब पर भारी पड़ेगा कंपाउंडिग शुल्क


  • ध्वनि और वायु प्रदूषण के अपराध में पहली बार पकड़े जाने पर 2500 रुपये कंपाउंडिंग शुल्क वसूला जाएगा।

  • दूसरी और उसके बाद पकड़े जाने पर शुल्क दर पांच हजार रुपये वसूला जाएगा।

  • चाइल्ड सीट बेल्ट के अपराध में परिवहन विभाग 1000 रुपये कंपाउंडिंग शुल्क वसूलेगा।



वहीं, इस पर उत्तराखंड के डीजीपी अनिल रतूड़ी ने बताया है कि लोगों को बेहतर जीवन देना पुलिस की जिम्मेदारी है और जो एमवी एक्ट में संसोधन हुआ है, पुलिस के माध्यम से उसका पालन किया जाएगा।


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