लखनऊ: यूपी का बजट पेश होने के बाद कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज यूपी विधानसभा में भाजपा सरकार के वित्तमंत्री ने पेपरलेस बजट पेश किया जो सत्यहीन था. जितना वित्तमंत्री को सुना उसके हिसाब से विकास की कोई योजना बजट में नहीं थी.


आराधना मिश्रा ने कहा कि जहां किसान आंदोलन कर रहे हों, शहीद हो रहे हों, एक शब्द उनके लिए नहीं कहा गया. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या सरकार MSP, ऋण माफी की बात नहीं कह सकती थी? सरकार की किसानों के प्रति संवेदनहीनता है. बजट में नौजवानों के लिए कुछ नहीं है. कोरोना काल मे जो नौकरियां गयी उन युवाओं के रोजगार के लिए कोई रोडमैप नहीं है.


ये भाजपा का अंतिम बजट ही होगा- आराधना मिश्रा


मिश्रा ने कहा कि महिलाओं के लिए बजट में कुछ नहीं है. इसके अलावा चिकित्सा, शिक्षा किसी के लिए बजट में कुछ नहीं है. बजट में केंद्र के पैसे को अपने साथ जोड़कर बड़ा सा आंकड़ा पेश किया गया है. ये भाजपा का अंतिम बजट ही होगा, 2022 में जनता जवाब देगी. वहीं नेता विरोधी दल (सपा) रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार ने समग्र विकास को बजट समर्पित किया लेकिन उसका अर्थ नहीं बताया. न गन्ना मूल्य बढ़ाने की घोषणा, ना पेट्रोल डीजल गैस का दाम कम करने की घोषणा की. फिर भी कह रहे किसान की आय दोगुना करेंगे.


इसके अलावा बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि किसानों को बजट से बड़ी अपेक्षा थी कि अच्छी घोषणा होगी. लेकिन डेढ़ घंटे का बजट भाषण और बजट देखने से प्रतीत होता निराशाजनक है. किसान, महंगाई, आम आदमी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. ये जनता से धोखा है. बड़ा आकर दिखाकर चुनाव की दृष्टि से जनता को गुमराह करने का प्रयास बजट में किया गया है. हर बार पहले से बड़ा बजट दिखाते, लेकिन खर्च उससे बहुत कम करते हैं.


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