UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आगरा की सभी नौ सीटों पर मतदान हो गया है लेकिन अब यहां पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया है. आगरा की देहात सीट से कांग्रेस उम्मीदवार उपेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन और चुनाव आयोग पर सत्ता के इशारे पर ईवीएम में धांधली का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि ईवीएम की सीलिंग प्रक्रिया के दौरान अधिकृत एजेंट ने उन्हें नहीं बुलाया. इसके साथ ही जब सीलिंग की गई तब सीसीटीवी भी काम नहीं कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने स्ट्रॉन्ग रूम के सामने ही धरना शुरू कर दिया.
ईवीएम में धांधली का आरोप
आगरा NH 2 पर स्थित शाहदरा सब्जी मंडी स्थल पर 5 विधानसभाओं के EVM रखे गए हैं. आगरा ग्रामीण से बेबी रानी मौर्य बीजेपी की उम्मीदवार हैं. उपेन्द्र सिंह ने जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह पर सीधे सत्ता के इशारे में धांधली का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मैंने कई चुनाव लड़े हैं और लड़वाए हैं लेकिन ये पहली बार हुआ है कि ईवीएम सीलिंग प्रक्रिया के समय ना उन्हें और ना ही उनके अधिकृत एजेंट को बुलाया गया, जबकि कल रात साढ़े 11 बजे जब हमारे समर्थक RO के पास गए तो उन्होंने कहा कि आपको जानकारी दी जाएगी. लेकिन साढ़े 3 बजे जब हमारे आदमी स्ट्रॉन्ग रूम पहुंचे तब तक सीलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी.
कांग्रेस उम्मीदवार ने कही ये बात
उपेन्द्र ने आरोप लगाया है कि ये पहली बार हुआ जब ईवीएम सीलिंग के वक्त किसी प्रत्याशी या उनके एजेंट से साइन नहीं कराए गए. यही नहीं सीलिंग के वक्त की सीसीटीवी भी उन्हें नहीं दी जा रही हैं. यहां पर जितने भी सीसीटीवी है वो काम नहीं कर रहे हैं. उनके तार निकले पड़े हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी हर हाल में बीजेपी नेता बेबी रानी मौर्या को जिताना चाहते हैं.
रिटर्निंग ऑफिसर का क्या कहना है
इस पूरे मामले को लेकर रिटर्निंग ऑफिसर निधि डोडवाल का कहना है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता है. जो प्रेक्षक नियुक्त की गईं हैं उनके सामने ईवीएम सीलिंग प्रक्रिया को अमल में लाया गया है. वहीं सीसीटीवी को लेकर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि सब फंक्शनल है और जो काम नहीं कर रहे, उन्हें ठीक करा लिया जायेगा. उपेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं और पहले भी आगरा ग्रामीण सीट से चुनाव लड़े हैं हालांकि उन्हें कभी सफलता नहीं मिली.