UP News: कानपुर कांग्रेस में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा. हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी का परफॉर्मेंस बहुत खराब रहा. पिछली बार की अपेक्षा इस बार कांग्रेस पार्टी के 18 के बजाय 13 ही पार्षद जीत दर्ज कर पाए जबकि महापौर पद पर पहले और दूसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई और अपनी जमानत तक नहीं बचा पाई. इसके बाद कांग्रेस पार्टी की जिला इकाई ने अनुशासन समिति गठित करते हुए उन चेहरों की पहचान के लिए काम शुरू किया जिन्होंने पार्टी के घोषित उम्मीदवारों को पार्टी में रहते हुए हराने का काम किया. जिस अनुशासन समिति को यह काम सौंपा गया उसने राष्ट्रीय स्तर से लेकर जिला स्तर तक भीतरघातियों की पहचान की है और अगर इस लिस्ट पर गौर किया जाए तो ऐसे-ऐसे दिग्गज कांग्रेसियों के नाम इस लिस्ट में शुमार हैं जो होश उड़ा देने वाले हैं. 


पूर्व विधायक अजय कपूर का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर
कानपुर में कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव में भीतरघात करने वाले लोगों को चिन्हित करने का काम कर रही है. इसके लिए बाकायदा एक कमेटी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेश सिंह के नेतृत्व में बनाई गई थी जिसने उन भीतरघातियों को चिन्हित करने का दावा किया है जिनकी वजह से कांग्रेस पार्टी इस बार बुरी तरह से निकाय चुनाव में हार गई. यही नहीं उसके पार्षदों की संख्या 18 से घटकर 13 हो गई और महापौर प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जांच समिति के संयोजक राजेश सिंह ने भीतरघातियों में सबसे पहला नाम कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक अजय कपूर का रखा है. 


इन लोगों को सिखाना होगा सबक- राजेश सिंह
राजेश सिंह ने कहा है कि अजय कपूर ने निर्दलीयों को अपना समर्थन देकर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को हरवा दिया जिसके पूरे साक्ष्य उनको शिकायतकर्ताओं ने दिए हैं. कुछ ऐसा ही काम कानपुर कैंट विधानसभा से विधायक रहे और प्रदेश उपाध्यक्ष सोहेल अंसारी ने भी किया और एआईसीसी मेंबर और पूर्व जिला अध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री ने कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराने का काम किया. राजेश सिंह का कहना है कि कांग्रेस में रहकर कांग्रेसियों को हराने वाले इन लोगों को सबक सिखाना होगा और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी नहीं तो लोकसभा चुनाव में पार्टी को और भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन सुहैल अंसारी और हर प्रकाश अग्निहोत्री का कहना है कि उन्होंने पार्टी के हित में ही काम किया है, जो जिताऊ था चुनाव उसी को जितवाया. हालांकि अजय कपूर का इस मामले में कहना है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया है और वो पार्टी के सच्चे सिपाही हैं. 


जानकारों की मानें तो महापौर चुनाव में जिस तरह कांग्रेस का बुरा प्रदर्शन रहा उसके बाद लोकसभा में प्रदर्शन सुधारने पर फोकस किया जाना चाहिए लेकिन अनुशासन समिति की रिपोर्ट में जिस तरह दिग्गजों के नाम भीतरघातियों के रूप में आए हैं उसके बाद कांग्रेस में सब कुछ ठीक घटता दिखाई नहीं दे रहा है. 


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