इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिस तरह से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की केंद्र सरकार को सलाह दी है. उसके बाद इस पर तमाम प्रतिक्रिया सामने आ रही है. जहां मुस्लिम धर्मगुरु हाईकोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए इसे जायज ठहरा रहें हैं तो वही सियासी दल इसके बहाने बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि यह बीजेपी के लिए शर्मनाक है क्योंकि जिस गाय को बीजेपी मां कहती है, उसे लेकर हाईकोर्ट ने जो बड़ा ऑब्जर्वेशन दिया है, वह गाय की क्या स्थिति है उसे बयां करता है.


राज्यसभा के पूर्व सांसद मोद तिवारी का साफ तौर पर कहना है कि बार-बार उनकी पार्टी यह कहती आ रही है कि गाय मर रही हैं, गौशालाओं में गाय बीमार पड़ी हैं और उनकी सुध कोई नहीं ले रहा है. बीजेपी राज में गाय के लिए जो पैसा आता है वह गाय के पेट में ना जाकर दूसरों की जेब में जा रहा है. उनका कहना है की हाई कोर्ट को एक और भी ऑर्डर करना चाहिए कि प्रदेश में गौशालाओं के लिए कितना धन गौशालाओं में कितनी गाय के लिए भेजा गया और कितनी गायों की मौत हुई है. उनका कहना है कि जो ऑब्जरवेशन हाईकोर्ट ने दिया है, उस पर बीजेपी को शर्म आनी चाहिए और उन्हें जनता से माफी मांगना चाहिए.


जबकि मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास का साफ तौर पर कहना है कि वह हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाह रहे हैं कि उनके मजाक में साफ तौर पर कहा गया है कि गाय का गोश्त खाना या गाय को काटना हराम है.


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