ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों पर प्रियंका गांधी सरकार पर भड़कीं, कहा- दोगुनी ऑक्सीजन देश के बाहर भेज दी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुये कहा कि, देश में कोरोना महामारी के बावजूद ऑक्सीजन का निर्यात किया गया.
नोएडा: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कोरोना संक्रमण महामारी से हो रही मौतों पर सरकार को घेरा है. उन्होंने ऑक्सीजन की कमी को लेकर सरकार पर सवाल उठाया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारा देश ऑक्सीजन का सबसे बड़ा उत्पादक है, देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने सरकार की नीति पर सवाल किया कि घातक कोरोना महामारी के बीच भी ऑक्सीजन दोगुनी देश के बाहर निर्यात की गई.
उन्होंने ट्वीट के जरिये सरकार पर हमला करते हुये कहा कि, ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है? इसके अलावा कांग्रेस महासचिव ने साल 2019-20 और 2020-21 का आॉक्सीजन निर्यात का ऑकड़ा भी जारी किया.
भारत का ऑक्सीजन निर्यात
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 21, 2021
2019-20: 4502 मीट्रिक टन
2020-21: 9300 मीट्रिक टन
हमारे यहाँ ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। हम ऑक्सीजन के सबसे बड़े उत्पादक हैं। लेकिन सरकार ने कोरोना का खतरा होते हुए भी दोगुना ऑक्सीजन देश के बाहर भेज दी।
ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है? pic.twitter.com/rK1oxqKjm6
अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी
आपको बता दें कि, देश में कोरोना संक्रमण ने घातक रूप ले लिया है. रोजाना ढाई लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, अस्पतालों में आक्सीजन की कमी होती जा रही है, जिसके चलते कई मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं, सरकार ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होने का दावा कर रही है. लेकिन देश के अलग-अलग अस्पतालों से जो तस्वीरें आ रही हैं वह चिंता में डालने वाली हैं.
रैलियों पर प्रियंका ने साधा निशाना
इससे पहले कोरोना महामारी के बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था. पीएम मोदी पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि हर जगह से लोगों के रोने की रिपोर्ट आ रही है, लेकिन ये चुनावी रैलियों में जाकर हंस रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने कहा, "आप आज भी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. रैलियों में हंस रहे हैं. सब तरफ से लोगों के रोने की रिपोर्ट आ रही है. लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन आप बड़ी-बड़ी रैलियों में जाकर हंस रहे हैं. हंस कैसे सकते हैं. समझ में ही नहीं आ रहा कि ये सरकार क्या कर रही है? शमशान घाटों पर इतनी भीड़ लगी है, लोग कूपन लेकर खड़े हैं. हम इस स्थिति में सोच रहे हैं कि हम क्या करें. जो सरकार को करना चाहिए था, वो सरकार नहीं कर रही है."
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