विवादों पर लगा विराम, प्रियंका गांधी ने खाली किया 35 लोधी एस्टेट वाला बंगला
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 35 लोधी एस्टेट वाला बंगला तमाम विवाद के बाद गुरुवार को खाली कर दिया. वे तकरीबन 23 साल यहां रही. अब ये बंगला बीजेपी सांसद अनिल बलूनी को दिया गया है.
नयी दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नयी दिल्ली के लोधी एस्टेट इलाके में स्थित अपना सरकारी बंगला बृहस्पतिवार को खाली कर दिया. प्रियंका से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह अभी कुछ दिन गुरुग्राम में रहेंगी और फिर मध्य दिल्ली इलाके के एक आवास में रहने चली आएंगी. आपको बता दें कि इस बंगले को लेकर तमाम विवाद सामने आये थे.
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका ने मध्य दिल्ली में अपने रहने के लिए जो आवास तय किया है उसकी रंगाई-पुताई और मरम्मत का काम चल रहा है.
बंगले को लेकर बढ़ा था विवाद
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और प्रियंका के बीच ट्वीटर पर काफी बहस छिड़ी थी. पुरी ने आरोप लगाते हुये कहा थी कि इस बंगले में रहने के लिये प्रियंका गांधी ने कई पैंतरे अपनाये थे. वहीं, प्रियंका गांधी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये कहा था कि दिये गये समय से पहले बंगले को खाली कर देंगीं.
गौरतलब है कि केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रियंका से नयी दिल्ली स्थित सरकारी बंगला एक अगस्त तक खाली करने को कहा है. उसकी ओर से जारी आदेश में कहा गया कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद उन्हें मौजूदा आवास ‘35 लोधी एस्टेट’ खाली करना पड़ेगा क्योंकि जेड प्लस की श्रेणी वाली सुरक्षा में आवास सुविधा नहीं मिलती.
फोटो-ANIसरकार ने पिछले साल नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी तथा उन्हें जेड-प्लस श्रेणी सुरक्षा दी थी.
अनिल बलूनी को मिलेगा ''35 लोधी एस्टेट''
गौरतलब है कि 23 साल रहने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 35 लोधी एस्टेट वाला बंगला खाली कर दिया. प्रियंका का पुराना बंगला उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को दिया गया है, जल्द ही बलूनी का पता होगा 35 लोधी एस्टेट।
यूपी में नये आवास को लेकर लगे थे कयास
प्रियंका गांधी के नये आवास को लेकर तमाम कयास लगाये गये थे. सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी सामने आयी थी कि वो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपना नया ठिकाना बना सकती हैं. यूपी के कांग्रेस नेताओं के हवाले कहा गया था कि वे प्रदेश की राजनीति पर निगाह रखने की लिये अब यूपी का रुख करेंगीं. यही नहीं, लखनऊ में ''कौल निवास'' पर गतिविधियां भी काफी तेज हो गई थीं.
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