लखनऊ, एबीपी गंगा। रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक आदिति सिंह का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए यूपी बॉर्डर पर कांग्रेस द्वारा लगाई गई बसों पर अदिति सिंह ने पार्टी विरोधी बयान दिया. पार्टी का कहना है कि अदिति सिंह को दिसंबर महीने में महिला कांग्रेस महासचिव के पद से हटा दिया गया था. अदिति सिंह से दो बार पार्टी विरोधी गतिविधियों पर जवाब मांगा गया. जवाब नहीं मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष से सदस्यता समाप्त करने के लिए दो बार अपील की जा चुकी है.


उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा इसका निस्तारण अगर पार्टी के पक्ष में नहीं आया तो वह हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे. फिलहाल अदिति सिंह की सदस्यता रद्द करने का फैसला विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है और पार्टी उनको तकनीकी तौर पर निलंबित नहीं बता रही है.


आपको बता दें कि यूपी में बसों की सियासत को लेकर कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अपनी पार्टी को घेरते हुये निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट करते हुये लिखा था कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न स्तर की सियासत की क्या जरूरत है. एक हजार बसों की लिस्ट भेजी गईं, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा निकला. 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन के कागजात ही नहीं, ये कैसा क्रूर मजाक है. अगर बसें थीं, तो फिर राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई गईं.


अदिति सिंह इससे पहले भी कई बार कांग्रेस पर निशाना साध चुकी हैं. सीएम योगी के समर्थन में वे पार्टी व्हिप का उल्लंघकर यूपी विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल हुई थीं.