UP News: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल बुधवार को खत्म हो रहा है. लेकिन इनमें से 2 सदस्य बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) दोबारा विधान परिषद के सदस्य चुने गए हैं. ऐसे में 10 सदस्यों का कार्यकाल पूरी तरह खत्म हो जाएगा. इनमें 6 समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सदस्य हैं. वहीं 3 बसपा (BSP) के और कांग्रेस (Congress) का एक विधान परिषद सदस्य दोबारा सदस्य नहीं हो पाए हैं.


कांग्रेस का नहीं रहा कोई सदस्य
यूपी विधान परिषद अब 6 जुलाई के बाद कोई सदस्य नहीं रह जाएगा. विधान परिषद के 135 सालों के इतिहास में ये पहली बार है जब कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा. कांग्रेस के एक मात्र एमएलसी दीपक सिंह का बुधवार को कार्यकाल खत्म हो जाएगा. यूपी विधान परिषद की स्थापना पांच जनवरी 1887 को हुई थी.वहीं 6 जुलाई के बाद सपा से नेता प्रतिपक्ष का पद भी छिन सकता है. 


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बीजेपी के सदस्यों की संख्या
बुधवार के बाद अब विधान परिषद में बसपा के सदस्यों की संख्या 1 रह जाएगी. जबकि कांग्रेस शून्य पर पहुंच जाएगी. समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या घटकर 9 रह जाएगी. जबकि बीजेपी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 81 हो जाएगी. 


इनका खत्म हुआ कार्यकाल
सपा के जिन छह सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, रामसुंदर दास निषाद और शतरुद्र प्रकाश शामिल हैं. हालांकि शतरुद्र प्रकाश ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. वहीं बसपा के जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें अतर सिंह राव, दिनेश चंद्रा और सुरेश कुमार कश्यप शामिल हैं.


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