कांग्रेस की 'केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा' का समापन, करन माहरा ने धामी सरकार पर लगाए ये आरोप
Uttarakhand News: उत्तराखंड में कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का समापन हो चुका है. इसकी जानकारी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने दी है. उन्होंने धामी सरकार पर निशाना साधा है.
Congress Kedarnath Pratistha Raksha Yatra: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने देहरादून में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ''श्री केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा'' के समापन की जानकारी दी. यात्रा का समापन केदारनाथ में जलाभिषेक और भैरव बाबा के मंदिर में सनातन प्रेमियों की तरफ से लगाई गई अर्जी के साथ हुआ, जिसमें केदारनाथ धाम के साथ हो रहे सरकारी षड्यंत्रों के खिलाफ रक्षा और न्याय की गुहार लगाई गई.
करन माहरा ने कहा कि यात्रा मार्ग पर स्थानीय व्यवसायियों, तीर्थ पुरोहितों और मजदूर वर्ग से मिली शिकायतों के अनुसार सरकार की तरफ से लगातार मनमानी की जा रही है. सरकार ने यात्रा मार्ग को लेकर बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन दुर्गम यात्रा के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं नदारद रहीं. ऑक्सीजन पार्लरों की व्यवस्था भी नहीं दिखी, जबकि ऑक्सीजन की कमी सबसे बड़ी समस्या है.
करन माहरा का धामी सरकार पर हमला
करन महरा ने कहा कि रजिस्ट्रेशन के नाम पर केवल कांग्रेस की प्रतिष्ठा यात्रा ही नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. व्यापारियों ने बैंक से लिया गया कर्ज तक चुकाने में असमर्थता जताई है, जिससे उनमें भारी आक्रोश है.
माहरा ने कहा कि स्थानीय हक-हकूक धारियों से टेंट कॉलोनी के नाम पर 80,000 रुपये प्रति टेंट वसूला गया है, जबकि यात्रा के ना चलने से युवाओं को भारी नुकसान हुआ. प्रशासन ने 5,900 रुपये प्रति कच्ची दुकान का पर्चा काटा और बाद में वन विभाग ने 10,000 रुपये का चालान भी कर दिया. यह स्पष्ट करता है कि सरकारी विभागों के बीच संवादहीनता है और इसका खामियाजा स्थानीय बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है. घोड़ा-खच्चर संचालकों से भी प्रति चक्कर 300 रुपये वसूले जा रहे हैं, जबकि अवैध रूप से 1,000 से 2,000 रुपये के चालान भी काटे जा रहे हैं.
करन माहरा ने उठाया बुलडोजर एक्शन पर सवाल
माहरा ने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूक धारियों के साथ हो रहे अन्याय का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पुनर्निर्माण के नाम पर सरकार मनमानी कर रही है. अतिक्रमण के नाम पर प्रतिष्ठानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है. एनजीटी के आदेशों की अवहेलना कर एक मंजिल से अधिक के निर्माण किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में एक बड़ी आपदा की आशंका है. भीम शिला के पास बड़े निर्माण कार्यों की तैयारी की जा रही है, जो मंदिर की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है.
आपदा के दौरान लापरवाही को लेकर भड़के करन माहरा
करन महरा ने 31 जुलाई को हुई आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि अभी तक प्रशासन के पास मृत और लापता व्यक्तियों का सही आंकड़ा नहीं है. आपदा के कारण हुए नुकसान का भी उचित मूल्यांकन नहीं हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है. उन्होंने यह भी बताया कि ऑल वेदर रोड के आपदा ग्रस्त हिस्सों पर प्रशासन की कोई सक्रियता नहीं दिख रही है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा में मिली सफलता-करन माहरा
करन माहरा ने कहा कि केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का मुख्य उद्देश्य धाम की प्रतिष्ठा की रक्षा करना था, जिसमें से कुछ हद तक सफलता मिली है. दिल्ली के बौराड़ी में हो रहा केदारनाथ निर्माण कार्य रोका गया, लेकिन दिल्ली से ले जाई गई शिला अभी तक केदारनाथ धाम नहीं लौटी है. दिल्ली के सेठों की तरफ से चंदा एकत्रित करने के लिए लगाए गए क्यूआर कोड से एकत्र की गई राशि भी वापस नहीं की गई है. उन्होंने शंकराचार्य जी के अपमान और 228 किलो सोने को पीतल में बदलने के मामले पर भी सवाल उठाए, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.
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