Swami Prasad Maurya Controversial Statement: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अक्सर अपने विवादित बयानों से सियासत का पारा हाई करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं. जिसे लेकर चारों तरफ उनकी निंदा हो रही है. रामचरितमानस (Ramcharitmanas) प्रकरण के बाद सपा नेता ने हिंदू धर्म को धोखा बताया है. जिसे लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. वहीं अब अयोध्या के साधु-संतों समेत सपा के साथ इंडिया गठबंधन करने वाली कांग्रेस ने भी स्वामी प्रसाद पर निशाना साधा है.
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद को पार्टी से बेदखल करने की अपील करते हुए कहा कि 'हिंदूओं को गाली देना एक फैशन सा बन गया है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो हद ही कर दी. वह हर जगह पर रोज हिंदुओं को गाली देते हैं और हिंदू धर्म को अपमानित करते हैं. इस बार तो उन्होंने कमाल कर दिया, कह दिया हिंदू नाम का कोई धर्म ही नहीं है और अखिलेश जी चुप हैं.'
सपा से हो स्वामी प्रसाद मौर्य की विदाई
उन्होंने समाजवादी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 'मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी को अब हिंदुओं के समर्थन और वोट की कोई जरुरत नहीं रह गई है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.' उन्होंने आगे कहा कि 'किसी धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने का अधिकारी किसी को नहीं दिया जा सकता.' कड़े शब्दों में स्वामी प्रसाद का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि अखिलेश यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य की विदाई कर देनी चाहिए.'
सपा नेता आई पी सिंह ने उठाया सवाल
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता आई पी सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नसीहत दी है. उनका कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए. उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा 'आपने वर्षों पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था, इसका यह मतलब कत्तई नहीं कि आप हिन्दू धर्म की लगातार आलोचना करें. आपने 5 वर्ष बीजेपी में रहते हुए ये मुद्दे नहीं उठाये. आपके ऐसे विचारों से पार्टी हरगिज सहमत नहीं हो सकती ये आपके निजी विचार हो सकते हैं.'
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