UP News: कांग्रेस (Congress) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को घोषणापत्र जारी किया. जिसमें कांग्रेस ने वादा किया है कि प्रदेश में जाति और धर्म के आधार पर ‘नफरत फैलाने’ के लिए बजरंग दल (Bajrang Dal) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. अब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod) ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं.


कांग्रेस का कहना है कि ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई भी हो सकती है. हालांकि अब कांग्रेस अपने ही फैसले पर घिरती हुई नजर आ रही है. पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बुधवार को ट्वीट कर कांग्रेस के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा, "ज़हरीला “सॉप” अभी तक “गले” में पड़ा हुआ है, बजरंग बली को “छेड़ने” की क्या जरूरत थी."



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क्या किया वादा?
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र ‘‘सर्व जनांगदा शान्तिय तोटा’’ (सभी लोगों के लिए शांति का बगीचा) में यह वादा किया है कि वह सत्ता में आने के एक साल के भीतर उन सभी ‘अन्यायपूर्ण और जनविरोधी कानूनों’ को निरस्त करेगी जो बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए थे. मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ‘‘कांग्रेस जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है.’’


उसका कहना है, ‘‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’ कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसे उसने ‘‘सर्व जनांगदा शान्तिय तोटा’’ नाम दिया है.