लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी नेता और केंंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.
जितिन प्रसाद का सियासी सफर
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले जितिन प्रसाद के पिता स्वर्गीय जितेन्द्र प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम करने वाले जितिन प्रसाद को कांग्रेस में साल 2001 में युवा कांग्रेस में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद अपनी गृह सीट शाहजहांपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे. साल 2008 में जितिन प्रसाद पर भरोसा जताते हुए उन्हें मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री की जिम्मेदारी दी गई.
इसके बाद जितिन प्रसाद 2009 के चुनाव में यूपी की धौरहरा सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे. लेकिन इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश की धौरहरा सीट पर तीसरे स्थान पर रहे.
जितिन प्रसाद काफी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे
बता दें कि जितिन प्रसाद काफी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे. वो उन 23 नेताओं में भी शामिल थे जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. प्रसाद यूपी कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी चाहते थे लेकिन उन्हें पार्टी में नजरअंदाज किया जा रहा था.
जितिन प्रसाद को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता था. लेकिन, कुछ वक्त से वह कांग्रेस पार्टी में हाशिये पर थे. हालांकि उन्होंने इसे लेकर कोई खुला विरोध नहीं किया था, लेकिन वो लगातार पार्टी से खुश न रहने का संकेत दे रहे थे.