Asad Ahmed Encounter: माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर के बाद विपक्षी दलों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. अखिलेश यादव ने इस मामले को चुनाव से जोड़ दिया है तो वहीं कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने भी इस एनकाउंटर की ह्यूमन राइट कमीशन से जांच कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ये कानून के दायरे में रहकर की जानी चाहिए. कांग्रेस नेता ने इस एनकाउंटर में किसी पुलिसकर्मी के घायल नहीं होने पर भी सवाल उठाए हैं. 


कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि अतीक अहमद के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन ये कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर होनी चाहिए. उन्होंने कहा असद बीए का छात्र था. अगर कोई एनकाउंटर होता है तो गोली दोनों तरफ से चलती है पर इस एनकाउंटर में किसी भी पुलिसकर्मी को कोई खरोंच तक नहीं आई है. एनकाउंटर का ये पूरा घटनाक्रम संदिग्ध हैं. पुनिया ने कहा कि इस मामले में मानवाधिकार आयोग द्वारा जांच की जानी चाहिए. 


अखिलेश यादव ने भी उठाए सवाल


इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी असद के एनकाउंटर पर सवाल उठा चुके हैं. अखिलेश ने कहा कि "मैं BJP से पूछना चाहता हूं कि जिन अधिकारियों ने एक ब्राह्मण मां-बेटी पर बुलडोज़र चलाया उन्हें क्यों नहीं मिट्टी में मिलाया? क्या आज का भारत यह है कि कमज़ोर की जान ले लें? क्या संविधान में जो अधिकार है वो नहीं मिलेंगे? उनको क्यों नहीं मिट्टी में मिला दिया." अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी संविधान का खत्म कर रही है.


ओवैसी बोले- मजहब के आधार पर एनकाउंटर हो रहा है


वहीं एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदरबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी असद एनकाउंटर पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने गुरुवार (13 अप्रैल) को कहा, "बीजेपी (BJP) महजब के नाम पर एनकाउंटर करती है. कोर्ट और जज किस लिए हैं? अदालतों को बंद कर दो. क्या बीजेपी वाले जुनैद और नासिर के मारने वालों को भी गोली मारेंगे, नहीं क्योंकि ये मजहब के नाम पर एनकाउंटर करते हैं." ओवैसी ने कहा, "ये एनकाउंटर नहीं कानून की धज्जियां उड़ रही हैं. अगर तुम फैसला करोगे कि गोली से इंसाफ करेंगे तो फिर अदालतों को बंद कर दो."


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