नई दिल्ली. हाथरस दुष्कर्म मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार घिरती जा रही है. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाया है. उन्होंने प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के बयान पर कहा कि जब वे बोल रहे हैं कि पीड़िता के साथ बालात्कार नहीं हुआ तो उन्हीं की पुलिस उन्हीं की एसआईटी कैसे कहेगी कि पीड़िता के साथ रेप हुआ है, जबकि मरते हुए पीड़िता ने अपने साथ हुई हैवानियत का जिक्र किया था.


कैसे हो सकती है बलात्कार की पुष्टि


हाथरस घटना पर कांग्रेस नेता ने कहा कि रेप होने के बाद 15 दिन बाद पीड़िता मरती है, ऐसे में उसके बाद पोस्टमार्टम और FSSL रिपोर्ट में कैसे बालात्कार की पुष्टि हो सकती है?


राज्य सरकार पर निशाना साधते हुये उन्होंने कहा कि सरकार और उनकी पुलिस अपराधी को बचा रहे हैं. आखिर क्यों, अपराधी का साथ दे रही है सरकार, क्या कारण है कि परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है?


अब कोर्ट पर भरोसा है


वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. हमे उनसे ही न्याय की उम्मीद है. क्योंकि यूपी पुलिस ने जो कृत्य किया है, उसके बाद उन पर कोई भरोसा नहीं कर सकता.


गौरतलब है कि हाथरस दुष्कर्म मामले में युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद पूरा देश आक्रोश में है और गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है. अब इस मामले में जहां उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि उसके साथ रेप नहीं हुआ था वहीं, पीड़िता के परिवार का आरोप है कि उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि वो इस मामले में चुप रहें.


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