Uttarakhand Politics: आईएएस अधिकारी रामविलास यादव (Ram Vilas Yadav) पर हुई कार्रवाई के बाद उत्तराखंड (Uttarakhand Politics) में सियासत हुई तेज हो गई है, एक तरफ जहां आईएएस अधिकारी पर हुई कार्रवाई को लेकर सरकार जीरो टॉलरेंस की बात कह रही है और दावा कर रही है कि उत्तराखंड में कोई भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तो वहीं विपक्ष (Congress) ने सरकार पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं कि उनकी जांच एक व्यक्ति की शिकायत पर की गई है. इस मामले पर अपनी पीठ थपथपाने की जरूरत नहीं है.


कांग्रेस नेता का धामी सरकार पर निशाना


पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस मामले को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि रामविलास यादव मामले में सरकार अपनी पीठ न थपथपाए, क्योंकि उनकी जांच एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार यदि भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश देना चाहती है तो 2017 से लेकर अब तक लोकायुक्त का गठन क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार खुद डरती है कि लोकायुक्त के गठन से वो खुद उसके दायरे में आएंगे, इसलिए लोकायुक्त का गठन नहीं करना चाहती.


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प्रीतम सिंह ने सरकार पर लगाया आरोप
वहीं दूसरी तरफ खाद्य मंत्री रेखा आर्य व विभागीय सचिव के बीच ट्रांसफर को लेकर चल रही तकरार पर भी प्रीतम सिंह ने साफ कहा कि सरकार के अंदर तालमेल की कमी है. मंत्रियों और अधिकारियों में आपसी तालमेल नहीं है. इस वजह से इस तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं. प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार भले ही कितने दावे करें कि उनकी सरकार ठीक तरह से चल रही है लेकिन मंत्रियों और अधिकारियों के बीच चल रही खींचतान से साफ जाहिर है कि सरकार के अंदर तालमेल की कमी है.


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