Agriculture Bill: प्रियंका गांधी ने बीजेपी को घेरा, कहा- MSP के सरंक्षण को बिल में डालने से क्यों डर रही है सरकार
कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका ने कहा कि भाजपा सरकार MSP के सरंक्षण को बिल में डालने से क्यों डर रही है.
लखनऊ: कृषि संबंधी विधेयकों को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. तमाम विपक्षी दलों के साथ-साथ किसान भी विधेयक के विरोध में खड़े हो गए हैं. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीजेपी सरकार पर हमला किया है. प्रियंका पहले ही कह चुकी हैं कि बीजेपी सरकार अपने अमीर खरबपति दोस्तों को कृषि क्षेत्र में घुसाने के लिए ज्यादा आतुर दिख रही है. वो किसानों की बात तक नहीं सुनना चाहती है.
किसानों का पूंजीपतियों के हाथों शोषण न हो सोमवार को प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ''खेती-किसानी में कांग्रेस सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य व मंडियों के सरंक्षण का प्रावधान किया जिससे कि किसानों का पूंजीपतियों के हाथों शोषण न हो. अगर MSP के किसान हितैषी प्रावधानों में कोई परिवर्तन नहीं है तो भाजपा सरकार MSP के सरंक्षण को बिल में डालने से डर क्यों रही है?
खेती-किसानी में कांग्रेस सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य व मंडियों के सरंक्षण का प्रावधान किया जिससे कि किसानों का पूँजीपतियों के हाथों शोषण न हो। अगर MSP के किसान हितैषी प्रावधानों में कोई परिवर्तन नहीं है तो भाजपा सरकार MSP के सरंक्षण को बिल में डालने से डर क्यों रही है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 21, 2020
किसानों की बात नहीं सुनना चाहती बीजेपी इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि ''किसानों के लिए ये कठिन समय है. सरकार को एमएसपी और किसानों की फसल खरीद के सिस्टम में इस समय उनकी मदद करनी चाहिए थी, लेकिन हुआ उसके ठीक उल्टा. बीजेपी सरकार अपने अमीर खरबपति दोस्तों को कृषि क्षेत्र में घुसाने के लिए ज्यादा आतुर दिख रही है. वो किसानों की बात तक नहीं सुनना चाहती.''
राहुल गांधी ने भी सरकार को घेरा प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ''किसान का मोदी सरकार से विश्वास उठ चुका है क्योंकि शुरू से मोदी जी की कथनी और करनी में फर्क रहा है- नोटबंदी, गलत GST और डीजल पर भारी टैक्स. जागृत किसान जानता है- कृषि विधेयक से मोदी सरकार बढ़ाएगी अपने 'मित्रों' का व्यापार और करेगी किसान की रोजी-रोटी पर वार.''
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