कानपुर. दुर्दांत विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद विपक्षी दल योगी सरकार पर हमलावर है. विरोधी दलों के नेता इस एनकाउंटर के तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां मुठभेड़ को लेकर सरकार पर हमला बोला है तो वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. वहीं, अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इसको लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि अपराधी का तो अंत हो गया संरक्षण देने वालों का क्या होगा?
प्रियंका गांधी ने ट्विटर के जरिए कुख्यात अपराधी विकास दुबे की एनकांउटर की दौरान मौत को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि "अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा."
दिग्विजय सिंह ने भी सरकार को घेरा
इसके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस घटना को लेकर सियासी वार किया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि अब विकास और राजनेताओं व पुलिस अफसरों का संपर्क उजागर नहीं हो पाएगा.
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जिसका शक था वह हो गया. विकास दुबे का किन-किन राजनीतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा. पिछले तीन-चार दिनों में विकास दुबे के दो अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
सिंह ने जांच की मांग करते हुए कहा कि यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?
गौरतलब है कि दुर्दांत विकास दुबे शुक्रवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया. कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी के मुताबिक गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस वालों के हथियार लेकर भाग रहा था. पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया.
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