लखनऊ. कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन के कारण प्रदेश की जनता को हुए आर्थिक नुकसान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चिंता जताई है. प्रियंका ने इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने चिट्ठी के जरिये मध्य वर्ग के लोगों की समस्याओं के बारे में बताया है. प्रियंका ने सीएम योगी से मध्य वर्ग को राहत देने की भी मांग की है. उन्होंने इसके लिए सरकार को पांच सुझाव भी दिए हैं.
प्रियंका गांधी ने कहा, "बढ़ती महंगाई, निजी अस्पतालों द्वारा लूट, बिजली बिल, स्कूल फीस एवं व्यापार बंदी से हुए नुकसान से मध्य वर्ग जूझ रहा है. कई लोगों को कर्ज लेने, FD तुड़वाने, भविष्य निधि का पैसा निकालने जैसे कदम उठाने पड़े हैं. मैंने योगी जी को पत्र लिखकर मध्य वर्ग को राहत देने का आग्रह किया है."
प्रियंका गांधी के 5 सुझाव
- महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा निजी क्षेत्र के अस्पतालों ने भी बड़ी भूमिका निभाई. कई गैर सरकारी अस्पतालों ने जनसेवा की शानदार और उम्दा मिसाल पेश की है. मगर पूरे प्रदेश से निजी अस्पतालों द्वारा आम जनता से इलाज के लिए मोटी रकम वसूलने की शिकायतें भी आई हैं. अपने मरीजों के लिए परेशान लोग भारी-भरकम बिल चुकाने के लिए कर्ज ले रहे हैं. आपसे निवेदन है कि निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर इलाज के लिए सुविधा के हिसाब से उचित एवं जनहितैशी कीमतें निर्धारित की जाएं जिससने ना अस्पतालों को आर्थिक नुकसान हो और ना ही आम जनता के शोषण की गुंजाइश हो. सरकार मूल्यांकन कर जिन लोगों से जरूरत से ज्यादा पैसा वसूला गया है उनको मुआवजा देने की व्यवस्था करे.
- बढ़ती महंगाई के चलते आम लोगों के लिए दैनिक उपभोग की वस्तुएं एवं आवश्यक चीजों को खरीदना भी मुश्किल हो रहा है. खाद्य तेल, सब्जियां, फल और घरेलू इस्तेमाल की चीजें बहुत तेजी से महंगाई की चपेट में आई हैं. प्रदेश में महंगाई पर नियंत्रण के लिए और वस्तुओं का दाम फिक्स करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने जाने चाहिए ताकि इस बंदी के समय लोगों को घर चलाने में मुश्किल ना हो.
- यूपी की जनता बिजली के बढ़ते दामों और स्मार्ट मीटरों से पहले से ही त्रस्त है. संकट के इस दौर में उसे बिजली के बिलों में राहत मिलनी चाहिए, लेकिन एक बार फिर प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाए जाने की खबरें आ रही हैं. कृपया बिजली के दाम में एक भी पैसे की बढ़ोतरी ना करे.
- प्रदेश के स्कूल बंद हैं, लेकिन अभिभावकों पर हर महीने स्कूल की फीस भरने का दबाव है. स्कूलों के सामने भी अपने शिक्षकों का वेतन आदि संकट हैं. प्रदेश सरकार को स्कूल के प्रतिनिधियों एवं अभिभावकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर एक खाका तैयार कर फीस में छूट देने एवं स्कूलों का आर्थिक मदद का पैकेज देने की व्यवस्था बनानी चाहिए, ताकि बंदी की मार झेल रहे लोगों की परेशानी थोड़ी कम हो सके. साथ ही स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों की मदद हो सके.
- बंदी की मार झेल रहे प्रदेश के व्यापारी एवं दुकानदार साथियों को राहत देने के लिए एक खाका तैयार किया जाए. जिसके जरिए उन्हें शुल्कों और करों में थोड़ी राहत दी जाए.
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