Bharat Jodo Yatra: भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने करनाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर राजनैतिक निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया कि संत समाज उनके खिलाफ आग बबूला हो गया है. दरअसल, राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि यह देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस तपस्या का संगठन है. कांग्रेस तपस्या में विश्वास करती है. अब इसी को लेकर देशभर के पुजारियों की गहरी नाराजगी सामने आई है .


समर्थक भी बने विरोधी
हालात ये है कि राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के लिए आशीर्वाद देने वाले श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भी राहुल गांधी के इस बयान की आलोचना करने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं. राहुल गांधी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश पुजारियों का नहीं है, यह कहना गलत बात है. यह देश पुजारियों के साथ ही सभी देशवासियों का भी है. यह किसानों का भी देश है. उन्होंने कहा कि यहां पर जितने भी मठ और मंदिर हैं सभी का देश के निर्माण में सहयोग है. सभी की तपस्या और सभी के प्रयासों से आज देश अन्य देशों की अपेक्षा अधिक संगठित है. वहीं, दूसरी तरफ हरिहर मंदिर के महंत और रामकथा वाचक जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा है कि जिस विषय में ज्ञान न हो, उस विषय में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि  मुझे लगता है कि इन्हीं अनर्गल टिप्पणी के कारण कांग्रेस पार्टी इस दिशा और दशा को प्राप्त हो रही है. 


सभी देशवासियों का देश है
राहुल गांधी के बयान की आलोचना करते हुए राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि यह कहना गलत है कि यह देश तपस्वियों का है, पुजारियों का नहीं. उन्होंने कहा कि यह देश उन सभी देशवासियों का है, जो इस देश में रहता है. उन्होंने कहा कि हमारे तमाम ऋषि, महर्षि तपस्या करके देश को संभाले हुए हैं. उन्होंने कहा कि आज इतने आतंकवाद और देश विरोधी तत्वों के होते हुए देश एक है तो ये उनकी लोगों की देन है. उन्होंने कहा कि पूजा करने वाले को पुजारी कहते हैं. जब एक पुजारी जब भगवान की पूजा करते हैं तो उस समय वह प्रार्थना करते हैं  कि हमारे देशवासी सुखी रहें, आनंद से रहें और हमारे देश का विकास हो. लिहाजा, यह कहना कि यह देश पुजारियों का नहीं है, गलत बात है. 


"जिस विषय में ज्ञान न हो, उसमें न करें टिप्पणी "
वहीं, हरिहर मंदिर के पुजारी जगतगुरु राम दिनेश आचार्य  ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा है कि तपस्या, पूजा और पुजारी यह एक दूसरे के पूरक हैं. जब तक पुजारी नहीं होंगे, तब तक पूजा नहीं होगी और पूजा पुजारी के प्रारूप को ही तपस्या कहा जाता है. मुझे लगता है राहुल गांधी को इन सब बातों के बारे में जानकारी लेना चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि किसी समर्थ गुरु के शरणागति लेना चाहिए, तब जाकर पता चलेगा कि पूजा क्या है, पुजारी क्या है और तपस्या क्या है. इसके बाद ही उन्हें पता चलेगा कि जो शास्त्रीय मूल है, उनका मूल्यांकन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जिस विषय में ज्ञान न हो उसमें इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.


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