Lok Sabha Election 2024: बीजेपी से ज्यादा अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा देगी कांग्रेस की ये रणनीति, लोकसभा चुनाव में होगा नुकसान?
Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और सेकुलर शब्द हटाने, पूजा स्थल अधिनियम 1991 को खत्म करने की साजिशों के बारे में लोगों को अवगत कराया है.
UP News: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में जुटी हुई हैं. इसी बीच मुस्लिम वोट बैंक पर सभी की नजर है. उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का वोट बैंक एक तरफा समाजवादी पार्टी को मिला था लेकिन वहीं अब 2024 में कांग्रेस पार्टी का दावा है मुसलमान कांग्रेस पार्टी के साथ जाएगा. हालांकि यह दौर गठबंधन का है जहां कांग्रेस और सपा दोनों साथ हैं.
कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने दावा किया कि मुस्लिम समुदाय लोकसभा चुनाव में पूरी तरह कांग्रेस के साथ आने का मन बना चुका है. उन्हें समझ में आ गया है कि जब तक वो एक तरफा कांग्रेस को वोट करते थे तब तक बीजेपी के पूरे देश में सिर्फ दो सांसद होते थे. उन्हें इस बात का भी एहसास है कि उनके कांग्रेस में आने के बाद ही बाकी वर्गों के लोग कांग्रेस में लौटेंगे क्योंकि मुस्लिम ही कांग्रेस के बेस वोट रहे हैं.
कांग्रेस संविधान बचा सकती है- शहनवाज आलम
शाहनवाज आलम आज सोमवार (11 सितंबर) को बलिया में थे जहां उन्होंने बलिया के सेमरी, रामपुर, जनुआन और भूड़ाडीह गांव में मुस्लिम वर्ग के साथ एक बैठक कर ये बातें कहीं. शाहनवाज आलम ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और सेकुलर शब्द हटाने, पूजा स्थल अधिनियम 1991 को खत्म करने की साजिशों के बारे में लोगों को अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और सिर्फ वही संविधान बचा सकती है. बाकी दल और उनके वोटर कब किस लालच या दबाव में बीजेपी के साथ चले जाएं, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नेतृत्व खत्म
वहीं बातचीत में यह सहमति भी दिखी कि मुस्लिमों के कांग्रेस से दूर होने के बाद से प्रदेश में मुस्लिम नेतृत्व खत्म हो गया. दूसरी पार्टियों ने 20 प्रतिशत मुस्लिमों से वोट लेकर सिर्फ अपनी बिरादरी में ही नेता पैदा किए. यहां तक कि जातिवाद के कारण अपने ही अधिकृत मुस्लिम प्रत्याशी को वोट देने के बजाए बीजेपी के सजातीय प्रत्याशी को लोग वोट करवा देते हैं. इन सब वजहों से आज प्रदेश का 20 प्रतिशत आबादी वाला मुस्लिम समाज पूरी तरह नेतृत्व विहीन हो गया है. जबकि एक जमाने में कांग्रेस असम, बिहार, राजस्थान, पांडिचेरी और महाराष्ट्र तक में मुस्लिम मुख्यमन्त्री देती थी.
इस कार्यक्रम में बलिया के अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि हर मुस्लिम और अनसूचित जाति बहुल गांव में मुस्लिम और अनसूचित वर्ग की संयुक्त बैठकें आयोजित की जायेंगी. इस दौरान इब्राहिम खान और सलमान खान भी मौजूद रहे.