Women Reservation Bill: कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने महिला आरक्षण को लेकर फिर केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने सोमवार (25 सितंबर) को लखनऊ (Lucknow) में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महिला आरक्षण समेत अडानी मामले पर भी बात की. महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill 2023) को झुनझुना बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी को हक दिलाना ऐसा प्रतीत होता है कि बस थाली सजाई गई. लखनऊ वासी ठग्गू के लड्डू को जानते हैं और बीजेपी की भी यही टैग लाइन है, "ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं."


'महिलाओं के लिए आरक्षण का इंतजार होगा लंबा'


सुप्रिया ने कहा कि बिल की असलियत है कि महिला आरक्षण का इंतजार अभी बना रहेगा. गृह मंत्री कह रह हैं कि महिला आरक्षण बिल 2029 तक लागू होगा. अन्य सांसदों का कहना है कि 2039 तक लागू होगा. उन्होंने बिल को बीजेपी का झुनझुना बताया. कांग्रेस नेता ने कहा कि लगता है बीजेपी ने महिलाओं की इंटेलिजेंस को बहुत कम तौला है. अगर महिला आरक्षण की प्रतिबद्धता होती तो फौरन लागू होना चाहिए था. 


'अडानी घोटाले को छिपाने के लिए लाया गया बिल'


सुप्रिया श्रीनेत ने अडानी प्रकरण पर आरोप लगाया कि महाघोटाले को छुपाने के लिए पहले देश का नाम बदलने की राजनीति हुई और जब उससे काम नहीं बना तो महिला बिल ले आए. इसके लिए उन्हें अनिश्चितकाल का इंतजार है. कांग्रेस नेता ने अनुसूचित जनजाति, ओबीसी समेत अन्य जातियों के जनगणना की जरूरत पर जोर दिया. 


राहुल गांधी के संसद में दिए बयान को दोहराया


सुप्रिया ने कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठे 90 आईएएस अधिकारियों में सिर्फ 3 ओबीसी हैं. इसलिए जातीय जनगणना जरूरी है. अनुमान के अनुसार 51 प्रतिशत से ज़्यादा ओबीसी की आबादी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में महिला आरक्षण बिल का विरोध बीजेपी सांसद समेत 7 लोगों ने किया था, लेकिन हमने इस बिल का बिना किसी शर्त के समर्थन किया. 


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