Uttarakhand Congress Politics: उत्तराखंड में करीब एक महीने के लंबे मंथन और खींचतान के बाद कांग्रेस हाईकमान ने भले ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष तय कर दिये हों, लेकिन पार्टी के भीतर इस फैसले के खिलाफ असंतोष देखने को मिल रहा है. दरअसल कांग्रेस हाईकमान ने इन तीनों अहम पदों की जिम्मेदारी कुमाऊं के नेताओं को ही दे दी है ऐसे में गढ़वाल में कांग्रेस का बड़ा खेमा नाराज चल रहा है.


हाईकमान के फैसले से नाराज कांग्रेसी


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता और विधायक इस फैसले से बेहद नाराज हैं. उन्होंने हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस निर्णय पर फिर से विचार होना चाहिए, इस निर्णय से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हताशा और निराशा मिली है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के संगठन महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि इस समय पार्टी बुरे दौर से गुजर रही है. जोशी ने कहा कि इस समय कोई ऐसा निर्णय नहीं लेगा जिससे पार्टी को नुकसान होगा. जोशी ने कहा कि पार्टी हाईकमान भी कांग्रेस के भीतर चल रही बातों पर नजर बनाए हुई है.


कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं नाराज नेता


उधर राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि कांग्रेस के करीब दस नाराज विधायक. बहुत जल्द इस फैसले पर गोपनीय बैठक करने जा रहे हैं. बैठक में कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है. चर्चाएं ये भी हैं कि कई लोग इतने नाराज हैं कि कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर भी विचार कर सकते हैं. कांग्रेस में नाराज विधायकों में हरीश धामी, मनोज तिवारी, मदन बिष्ट, मयूख महर, खुशाल सिंह अधिकारी, ममता राकेश , विक्रम नेगी, राजेंद्र भंडारी के नाम चर्चाओं में हैं. कांग्रेस अभी बहुत बुरे दौर से गुजर रही है ऐसे में पार्टी के भीतर ये खींचतान किस कदर थमेगी ये देखना होगा.  


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