सोनिया गांधी फिर चुनी गईं कांग्रेस संसदीय दल की नेता, राहुल बोले- इंच..इंच लड़ेंगे
दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक बार फिर कांग्रेस की संसदीय दल की नेता चुना गया है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। सोनिया गांधी एक बार फिर कांग्रेस की संसदीय दल (सीपीपी) की नेता चुनी गई हैं। शनिवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस की अहम बैठक में सोनिया गांधी के नाम पर मुहर लगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
Smt. Sonia Gandhi elected as the leader of Congress Parliamentary Party!
She says, ‘we thank the 12.13 Cr voters for reposing faith in the Congress Party’. pic.twitter.com/H4z9i3dN8B — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 1, 2019
सुरजेवाला ने एक और ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मतदाताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया है।
Shri Rahul Gandhi thanked the voters & Congress workers.
He says, ‘every Congress member must remember that each one of you is fighting for the Constitution, for every person in India irrespective of the color of his skin or belief’. pic.twitter.com/yMtE6IWUXo — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 1, 2019
कांग्रेस के 52 सांसद इंच-इंच लड़ेंगे : राहुल गांधी इस बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा भी किया। राहुल ने कहा कि कांग्रेस से जुड़े हर व्यक्ति को याद रखना चाहिए कि यह लड़ाई संविधान को बचाने के लिए है। कांग्रेस के 52 सांसद बीजेपी से इंच-इंच लड़ने के लिए काफी हैं। राहुल ने आगे कहा, 'हम 52 सांसदों को मिलकर संघर्ष करना है। भले ही संख्या में हम 52 हों, लेकिन इसी संख्याबल से हम बीजेपी से इंच-इंच की लड़ाई करने में सक्षम हैं।'
बतादें कि संसद के केंद्रीय कक्ष में कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसदों की पहली बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में नेता चुनने के साथ ही किसी सांसद को मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। इसमें आगामी सत्र के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी। सूत्रों ने बताया कि 17वीं लोकसभा के गठन के बाद अपनी पहली बैठक में कांग्रेस सांसद निचले सदन में अपने नेता का चुनाव भी कर सकते हैं।
दरअसल, कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 52 सीटें हासिल हुई हैं जिस वजह से सदन में उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर नहीं मिलेगी।