Uttarakhand: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, बीजेपी में शामिल हुए पुरोला से विधायक राजकुमार
Uttarakhand Election: पुरोला सीट से विधायक राजकुमार देहरादून जिले की सहसपुर सीट से भी 2007-12 तक विधायक रह चुके हैं. साल 2017 में वह कांग्रेस के टिकट पर पुरोला से जीतकर विधानसभा में पहुंचे.
Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड के पुरोला (Purola) से कांग्रेस विधायक राजकुमार रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. राज्य में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election) से पहले राजकुमार की बीजेपी में हुई वापसी से कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है. एक सप्ताह के भीतर बीजेपी में शामिल होने वाले राजकुमार (Rajkumar) उत्तराखंड के दूसरे विधायक हैं. इससे पहले कांग्रेस के समर्थन से जीते निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिक की मौजूदगी में राजकुमार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कराई गई. विधानसभा में कांग्रेस अब इकाई के अंक पर आ गई है और विधानसभा चुनाव से पहले इसे उसके लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. प्रदेश विधानसभा में 70 सीटें हैं.
बीजेपी प्रवक्ता अनिल बलूनी ने राजकुमार की वापसी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी मजबूत होगी. कौशिक ने कहा कि राजकुमार पूरे प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग में बहुत लोकप्रिय हैं और उम्मीद है कि बीजेपी में शामिल होने से उनकी लोकप्रियता का लाभ पार्टी को मिलेगा. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राजकुमार ने हमेशा शोषितों, वंचितों, दलितों और गरीबों के लिए काम किया है और अब वह 'बीजेपी के राजकुमार' हो गए हैं .
राजकुमार सहसपुर सीट से भी 2007-12 तक विधायक रह चुके हैं
वहीं, इस मौके पर राजकुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर वह बीजेपी में वापस आए हैं. उन्होंने कहा, ''मैं अनुसूचित वर्ग से हूं. बीजेपी की नीतियां ऐसी हैं कि वह अनुसूचित वर्ग के लोगों को स्वावलंबी बना रही है जबकि कांग्रेस ने आजादी के बाद से अनुसूचित वर्ग के लोगों को पंगु बनाकर रखा.''
वर्तमान में उत्तरकाशी जिले की पुरोला सीट से विधायक राजकुमार देहरादून जिले की सहसपुर सीट से भी 2007-12 तक विधायक रह चुके हैं. हालांकि, 2012 में पुरोला से बीजेपी का टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. साल 2017 में वह कांग्रेस के टिकट पर पुरोला से जीतकर विधानसभा में पहुंचे.
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