Caste Census in India: पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इन दिनों जातीय जनगणना का मुद्दा गरमाया हुआ है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तो कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए ये तक कह दिया कि कांग्रेस वहीं पार्टी है, जिसने कभी जातीय जनगणना नहीं होने दी और न ही इसके आंकड़े जारी किए. वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इस मुद्दे पर बडा़ बयान दिया है. 


कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया है कि राहुल गांधी जातीय जनगणना के मुद्दे को सबसे ज्यादा मजबूती के साथ उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, "राहुल गांधी इस वक्त जातीय जनगणना के सबसे बड़े पैरोकार हैं. पूरी शक्ति के साथ उन्होंने बताया भी है कि हां पहले क्यों नहीं हुआ तो मैं उनकी दोनों बातों से सहमत हूं. मैं कहना चाहता हूं कि जातीय जनगणना इसलिए नहीं है कि किसी का हक दबाकर किसी को दिया जाए, लेकिन जब आप एक बजट बनाते हैं कोई संसाधन लेते हैं तो कोई वर्ग उपेक्षित न रह जाए. 


जातीय जनगणना को लेकर कही ये बात
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "आपके सामने देश की एक तस्वीर होनी चाहिए कि किस वर्ग की संख्या क्या है और ये भी कि किसकी क्या समस्या है. इस समय जातीय जनगणना देश की जरुरत है. क्योंकि देश में कुछ वर्ग पिछड़े रहेंगे तो देश कभी तरक्की नहीं कर सकता है. दूसरा दूर दराज तक किसी का हक लेकर किसी को नहीं दिया जाएगा. इसमें जो वंचित है उनका प्रोत्साहन दिया जाएगा." 



दरअसल कांग्रेस से चल रही रस्साकशी के बीच अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना का लेकर कांग्रेस पर ही सवाल उठाए थे और कहा था कि, कांग्रेस तो अब इसे लेकर मुखर हुई है, लेकिन ये वहीं कांग्रेस पार्टी है, जिसने जातीय जनगणना के आंकड़े नहीं दिए. जातीय जनगणना नहीं होने दी, ये चमत्कार है, क्योंकि सबको एहसास हो गया है जब तक पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक भाईयों को साथ नहीं लिया तो आप कामयाब नहीं होगे. प्रधानमंत्री खुद यही कहते हैं, हम पिछड़े हैं.


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