Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की नजर सपा के परंपरागत मतदाताओं पर है. अब तक बीजेपी और समाजवादी पार्टी ओबीसी वर्ग पर एकाधिकार रहा है. अब कांग्रेस ने दोनों पार्टियों के एकाधिकार को चुनौती देने की तैयारी कर ली है. आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का राज्य स्तरीय पिछड़ों का सम्मेलन इस बात की तस्दीक करता है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस हर तबके को साधना चाहती है, जिसमें ओबीसी वोट बैंक पर भी उसकी खास नजर है.


राजधानी लखनऊ (Lucknow) में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2023) पर कांग्रेस (Congress) के पिछड़ा वर्ग सम्मेलन (OBC) की तैयारी पूरी हो गई है. सम्मेलन में हर जिले से कांग्रेस के ओबीसी नेताओं को बुलाया गया है. कार्यक्रम का आयोजन गांधी भवन सभागार में किया गया है. आज के कार्यक्रम में ओबीसी तबके को पार्टी से जोड़ने और जातीय जनगणना को धार देने की रणनीति बनेगी. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पिछड़ों के हक की लड़ाई को आगे बढ़ाने पर भी मंथन किया जाएगा. 


जातीय जनगणना के मुद्दे को जोर शोर से उठाएगी कांग्रेस


बता दें कि कांग्रेस पार्टी जातीय जनगणना का मुद्दा पिछले कुछ दिनों से लगातार उठा रही है. अब उत्तर प्रदेश में ओबीसी सम्मेलन के जरिए पार्टी मुद्दे को जोर शोर से उठाना चाहती है. पिछले दिनों बिहार में राहुल गांधी और नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद कांग्रेस ने ओबीसी पॉलिटिक्स पर रणनीति बदली थी. प्रदेश महासचिव अनिल यादव के अनुसार यूपी कांग्रेस जातिगत जनगणना की मांग के लिए कार्यक्रम चला रही है. मंडल और जिला स्तरीय ओबीसी सम्मेलनों के जरिए कांग्रेस की राय स्पष्ट सामने आई है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में ओबीसी समाज के उत्थान में कांग्रेस की भूमिका से लोगों को वाकिफ कराया जा रहा है. 


सपा और बीजेपी का रहा है ओबीसी वोटर्स पर दबदबा


उत्तर प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा की सियासत लंबे समय से चली आ रही है. पिछड़ों का समर्थन मिलने से समाजवादी पार्टी ने काफी समय राज किया. अब पिछले 9 वर्षों से बीजेपी ओबीसी पॉलिटिक्स के दम पर यूपी समेत देश में राज कर रही है. अनिल यादव ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी वर्ग के लोगों को पाले में करने के लिए लगातार सम्मेलन करेगी. 


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