लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपनी खोई सियासत को दोबारा पाने के लिए कांग्रेस पार्टी जद्दोजहद कर रही है. यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी अब उत्तर प्रदेश में खासी सक्रिय हो गयी हैं. विधनसभा चुनाव में अभी एक साल का समय है लेकिन कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता काफी सक्रिय हैं. प्रियंका गांधी खुद लगातर उत्तर प्रदेश में अब कई दौरे करने वाली हैं जिससे कि पार्टी को मजबूत किया जा सके.


फरवरी माह में ताबड़तोड़ दौरे


1989 से यूपी की सत्ता से बाहर कांग्रेस इस वक़्त चौथे नंबर की पार्टी है. प्रदेश में ऐसे में प्रियंका गांधी लागातर अपने दौरे से पार्टी में जान फूंकने की कोशिश कर रही हैं. इसी कड़ी में प्रियंका फरवरी माह में अबतक उत्तर प्रदेश के चार दौरे कर चुकी हैं जिसमे 4 फरवरी को रामपुर में दिल्ली में मृत किसान नवरीत सिंह के घर, 10 फरवरी को सहारनपुर में किसान रैली, 11 फरवरी को प्रयागराज में संगम स्नान व आज 15 फरवरी को बिजनोर में किसान रैली के लिए प्रियंका यूपी आयी.


किसानों के आसरे कांग्रेस


कांग्रेस पार्टी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लगातार समर्थन देने का कार्य कर रही है. वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सरकार से नाराज किसानों को अपने पाले में लाने के लिए कांग्रेस पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जय जवान जय किसान के नाम से किसान रैली कर रही है, जिसमे प्रियंका गांधी भी शिरकत कर रही हैं. आगे प्रियंका गांधी 19 फरवरी को मथुरा के पाली खेड़ा में किसान रैली को संबोधित करेंगी, तो वही 20 फरवरी को मुज्जफरनगर में किसान रैली को संबोधित करेंगी.


बड़ी है चुनौती


प्रियंका गांधी 2019 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी बनी. उसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में राहुल गांधी चुनाव हार गए. प्रियंका गांधी ने संगठन के विस्तार को प्रमुखता दी. आज कांग्रेस का संगठन भले ही यूपी में तैयार हो गया हो लेकिन कार्यकर्ता अभी भी ज्यादा नहीं जुड़े हैं. ऐसे में अबतक अगर प्रियंका के उत्तर प्रदेश दौरे की भी बात करें तो प्रिंयका के यूपी दौरे को लोग उंगली में गिन सकते हैं. हालांकि अब चुनावी साल से पहले प्रियंका के यूपी में ज्यादा सक्रिय रहने की उम्मीद है.


2017 में सपा से था गठबंधन


2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था और 100 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन कांग्रेस पार्टी को महज 7 सीटों पर ही जीत नसीब हुई थी. वर्तमान में 7 विधायकों में से रायबरेली की विधायक अदिति सिंह कांग्रेस से बगावत कर चुकी हैं. ऐसे में 2022 में अदिति कांग्रेस से पल्ला झाड़ते हुए किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ सकती हैं.


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