नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव 2019 में बुरी तरह से हारने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देने पर अड़े हैं। हालांकि, कांग्रेस कार्य समिति भी उनका त्यागपत्र अस्वीकार कर चुकी है। इस बीच ये कहा जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी ने उन्हें बतौर पार्टी अध्यक्ष यह जिम्मेदारी भी दे दी है कि वे पार्टी संगठन को ऊपर से लेकर नीचे तक अपनी मर्जी से बदल सकते हैं।
अगले सप्ताह से शुरू हो सकता है 'ऑपरेशन क्लीन'
पार्टी सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी अगले सप्ताह से ऑपरेशन 'क्लीन' शुरू करने जा रहे हैं। इसके तहत वे पार्टी संगठन में कई बड़े बदलाव कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय समितियों के अलावा विभिन्न प्रदेशों की कमेटियां भंग करने की तैयारी की जा रही है। इस व्यापक फेरबदल में जमीनी कार्यकर्ताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
CWC ने राहुल का इस्तीफा अस्वीकारा
बता दें कि चुनाव के नतीजे आने के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें राहुल गांधी ने अपना इस्तीफा देने की पेशकश की, लेकिन सीडब्ल्यूसी ने उनका त्यागपत्र अस्वीकार कर दिया। इसी बैठक में सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पास हुआ कि कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी के संगठन में संपूर्ण बदलाव कर सकते हैं। इसके बाद से लगातार मीडिया में ये खबरें चल रही हैं कि राहुल गांधी अब भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं।
गहलोत से मिलने से राहुल का इनकार
ये भी बात सामने आई है कि राहुल नेताओं से भी कम मिल रहे हैं। सोमवार को तो उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने से इन्कार कर दिया, जबकि मुलाकात पहले से तय थी।
राहुल को कार्यकर्ताओं ने अपने खून से लिखा पत्र
वहीं, राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर चल रही खबरों के बीच उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने खून से पत्र लिखकर राहुल से ऐसा न करने की गुजारिश की है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब से राहुल गांधी के इस्तीफा देने की बात सुने हैं, तबसे वे लोग परेशान हैं। उनका कहना है कि वे चुनाव में हार के कारण इस्तीफा न दें। कार्यकर्ता एक-एक घर जाएंगे और अपनी कमियों को दूर कर एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी के लिए मेहनत करेंगे।