देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के राज्य विधानसभा की कार्यवाही में आनलाइन भाग लेने की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाले जाने के मुद्दे को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने मंगलवार को सदन में हंगामा किया और पीठ से उसे हटाए जाने का निर्देश देने की मांग की.
कांग्रेस ने उठाये सवाल
राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि मुख्यमंत्री आवास विधानमंडल का हिस्सा है या नहीं और अगर यह उसका हिस्सा है तो उनके कार्यवाही में आनलाइन भाग लेने की तस्वीर सोशल मीडिया पर नहीं डाली जा सकती. उन्होंने कहा कि अगर यह विधानमंडल का हिस्सा नहीं है तो मुख्यमंत्री का वक्तव्य सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं माना जा सकता.
चकराता के विधायक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर निजामुद्दीन का समर्थन किया. संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक द्वारा मामले में स्पष्ट जवाब न देने पर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हंगामा किया और पीठ से निर्देश देने की मांग की.
विधानसभा अध्यक्ष ने दिया निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी की परिस्थितियों में विधायकों के सदन की कार्यवाही में आनलाइन भाग लेने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर कार्यवाही की फोटो डालने से विधायकों को परहेज करने का साफ संकेत देते हुए कहा, ‘‘मैं सभी विधायकों से आग्रह करता हूं कि इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए.’’ निजामुद्दीन ने फोटो को हटाए जाने के बारे में भी निर्देश देने का आग्रह किया जिस पर अध्यक्ष ने कहा कि उनके इस निर्देश में सबकुछ सम्मिलित है.
कोविड-19 से संक्रमित मुख्यमंत्री रावत फिलहाल घर पर पृथकवास में हैं और अपने आवास से ही उन्होंने सोमवार और मंगलवार को सदन की कार्यवाही में आनलाइन हिस्सा लिया. मंगलवार को मुख्यमंत्री के आधिकारिक टि्वटर हैंडल और फेसबुक पर उनकी और सदन की एक फोटो साझा की गयी जिसके कैप्शन में लिखा है, ‘‘आज उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही में आनलाइन प्रतिभाग लिया.’’
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