हरिद्वार: हरिद्वार में हुए मासूम बच्ची की रेप और हत्या के बाद राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इस कांड के बहाने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. हत्याकांड में फरार आरोपी की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को तुरंत न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रीतम सिंह ने हरिद्वार सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए. कई कार्यकर्ता कार्यक्रम में काले झंडे लेकर भी पहुंचे और धरना स्थल पर झंडे लहराये भी गए.


कांग्रेस हमलावर


प्रीतम सिंह सिंह का कहना है कि हरिद्वार में मासूम बच्ची के साथ रेप और बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है लेकिन अभी भी एक अन्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है. इस मामले को कांग्रेस ने गुरुवार को विधानसभा में भी उठाया था. फरार आरोपी पर पहले 20 हजार का इनाम रखा गया था, अब एक लाख का इनाम रखा गया है. हमने सरकार से मांग की थी कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए. सवाल खड़ा होता है कि जिस व्यक्ति का प्रतिष्ठान था उसके द्वारा ही पुलिस के माध्यम से ताला खुलवाया गया. पुलिस द्वारा उसी वक्त को हिरासत में लेना चाहिए था, लेकिन पुलिस द्वारा उसे भागने का पूरा मौका दिया गया. यह जांच का विषय है. यह बहुत ही बर्बर घटना है. हरिद्वार उत्तराखंड देव भूमि का प्रवेश द्वार है और कुछ वक्त बाद ही यहां महाकुंभ लगने वाला है. इस धरती से क्या संदेश पूरे देश और विश्व में जाएगा यह जघन्य अपराध है, इसलिए आज हम यहां धरने पर बैठे हैं.


कोरोना के बहाने कर रही गिरफ्तारी


वहीं घटना के विरोध में कैंडल मार्च और धरना प्रदर्शन करने वाले लोगों पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे पर भी सरकार को कांग्रेस ने घेरा. प्रीतम सिंह का कहना है कि जब समाज में ऐसी घटना घटती है तो लोगों में आक्रोश देखने को मिलता है. जब आक्रोश होता है तो लोग सड़कों पर उतर कर विरोध करते हैं. लेकिन सरकार लोगों का गला दबाने का कार्य कर रही है. लोगों की आवाज दबाने का कार्य कर रही है. मैं सरकार से कहना चाहता हूं जब उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष आते हैं, या जब कोई उनका बड़ा नेता आता है तब कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता और खुलेआम उसका उल्लंघन किया जाता है. न ही किसी पर मुकदमा दर्ज होता है. लेकिन जब आमजन और विपक्ष सड़कों पर उतरकर आंदोलन करता है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है. हम सरकार के इन कार्यों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.


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