Ayodhya Land Row: अयोद्धा भूमि विवाद को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर उठाये सवाल, राहुल गांधी ने भी साधा निशाना
कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में जमीन खरीदी के कथित विवाद को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. मामले पर राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर तंज कसा है.
Ayodhya Land Purchasing Dispute: कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अयोध्या कथित भूमि खरीद विवाद को लेकर सवाल उठाया है. दरअसल एक रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने भाजपा नेताओं और सरकारी अधिकारियों द्वारा भारी मुनाफे की उम्मीद में अयोध्या में जमीन खरीदने के लिए लगी होड़ को लेकर सवाल किया है. मामले पर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राम के नाम पर मुनाफाखोरी 'भगवान राम के साथ विश्वासघात' है.
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने न केवल पाप किया है बल्कि अभिशाप को भी न्यौता दिया है. प्रधानमंत्री ने इस खुली लूट के बारे में एक शब्द भी क्यों नहीं कहा? क्या यह भगवान राम के साथ विश्वासघात नहीं है? सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक प्रमुख राष्ट्रीय अखबार की जांच का हवाला देते हुए कहा कि स्थानीय भाजपा विधायकों, मेयर, राज्य ओबीसी आयोग के सदस्य और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्माणाधीन राम मंदिर के पास जमीन खरीदी थी.
राहुल गांधी ने भी किया ट्वीट
मामले पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि एक हिंदू सत्य के मार्ग पर चलता है. और एक हिंदुत्ववादी धर्म की आड़ में लूटता है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूज रिपोर्ट को टैग करते हुए ट्वीट किया. रिपोर्ट में दावा किया गया कि दलितों सहित हाशिए के लोगों की जमीन भी प्रभावशाली लोगों द्वारा खरीदी जा रही थी.
हिंदू सत्य के रास्ते पर चलता है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 22, 2021
हिंदुत्ववादी धर्म की आड़ में लूटता है। pic.twitter.com/Jycl211qut
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यसभा में उठाया मुद्दा
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ट्वीट किया कि मुझे राम मंदिर के नाम पर हाशिए के समुदायों की भूमि लूटने वाली यूपी भाजपा सरकार के मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं थी. सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. क्या संसद अब बिलों को बुलडोज़ करने के लिए केवल एक रबर स्टैंप है जैसा कि भाजपा ठीक समझती है? बता दें कि राज्य सभा में सूचीबद्ध पत्रों और रिपोर्टों को पटल पर रखने के तुरंत बाद खड़गे एक अखबार पकड़कर खड़े हो गए और इस मुद्दे पर बात करने लगे. इस पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उनसे कहा कि उन्हें इस मुद्दे को उठाने के लिए पहले एक नोटिस देना होगा और बताया कि सदन में एक समाचार पत्र की रिपोर्ट नहीं पढ़ी जा सकती. हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह अखबार नहीं पढ़ रहे हैं, लेकिन अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी.
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