UP: कांग्रेस का बड़ा आरोप, कहा- एक के बाद एक घटनाएं दे रही हैं शराब माफिया और सरकार के गठजोड़ की गवाही
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि जहरीली शराब से मौतों की एक घटना के बाद दूसरी घटना होने में देर नहीं लगती. इसका मतलब है कि शराब माफियाओं को सत्ता का साथ मिला हुआ है. शराब माफिया के खिलाफ कभी ऐसी कार्रवाई नहीं होती जिससे उनके हौसले पस्त हों.
लखनऊ: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में शराब माफियाओं को सत्ता का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि जहरीली शराब से मौतों की एक के बाद एक घटनाएं माफिया और सरकार के गठजोड़ की गवाही देती हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने यहां एक बयान में आरोप लगाया कि जहरीली शराब के निर्माताओं और विक्रेताओं के सिंडिकेट को व्यवस्था का पूरा संरक्षण स्पष्ट तौर पर साबित होता है. शराब माफिया के खिलाफ कभी ऐसी कार्रवाई नहीं होती जिससे उनके हौसले पस्त हों.
कार्रवाई का नाटक किया जाता है
अशोक सिंह ने कहा कि, ''जहरीली शराब से मौतों की एक घटना के बाद दूसरी घटना होने में देर नहीं लगती. इसका मतलब है कि शराब माफियाओं को सत्ता का साथ मिला हुआ है. छोटी मछलियों या उनके इक्का-दुक्का लोगों पर कार्रवाई का नाटक किया जाता है. यही वजह है कि जहरीली शराब के सौदागर बेखौफ होकर फिर से अपना काम करते हैं. अगर ऐसा नहीं है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आबकारी विभाग के मंत्री से जवाब-तलब क्यों नहीं करते.''
नाकाम रही है सरकार
सिंह ने दावा किया कि, ''अलीगढ़ में पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से 106 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में पूरे प्रदेश में जहरीली शराब पीने से 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.'' उन्होंने कहा कि, ''जहरीली शराब से हुई मौतों की घटनाओं को रोकने में सरकार नाकाम रही है. शराब माफिया, आबकारी और पुलिस विभाग से मिलकर अन्य प्रान्तों से अवैध शराब की तस्करी कर करीब 10 हजार करोड़ रुपये के अवैध कारोबार को संचालित करके खुलकर मौत बांट रहे हैं. राज्य सरकार शराब माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय आबकारी विभाग से मिल रहे राजस्व के मुनाफे से फूली नहीं समा रही है.''
कांग्रेस ने की ये मांग
सिंह ने अलीगढ़ और अन्य जिलों में जहरीली शराब के कारोबार और उसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पीड़ित परिवारों की आर्थिक सहायता के साथ प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को स्थायी सरकारी नौकरी देने की मांग की है.
ये भी पढ़ें: