Uttarakhand Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में कांग्रेस को एक और झटका लगा है.  कांग्रेस की प्रदेश महासचिव और रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को त्याग पत्र में मोह भंग होने के कारणों का खुलासा किया. उन्होंने कांग्रेस पर मुसीबत की घड़ी में साथ नहीं देने का आरोप लगाया. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी में दो करोड़ से अधिक नकदी बरामदगी होने का दावा किया गया था. लक्ष्मी राणा को हरक सिंह रावत की करीबी बताया जाता है. त्याग पत्र में उन्होंने कहा, "पिछले 27 वर्षों से कांग्रेस की सदस्य थी.


उत्तराखंड में कांग्रेस की प्रदेश महासचिव का इस्तीफा


1998 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री रही. 1997 से 2001 तक कांग्रेस से ब्लॉक प्रमुख जखोली रही. 2002 से 2007 तक उपभोगता फोरर्म की सदस्य रही. 2014 से 2019 तक कांग्रेस से जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग रही.  2017 में रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया. 2018 से अब तक कांग्रेस पार्टी की प्रदेश महामंत्री हूं. मेरे घर और प्रतिष्ठान पर राजनीतिक द्वेष के चलते ईडी की छापेमारी हुई. हालांकि मैं जानती हूं रेड कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन पार्टी की तरफ से मेरे खिलाफ राजनीतिक द्वेष पर ना कोई प्रतिक्रिया आई और ना ही किसी ने दुःख की घड़ी में ढांढस बंधाया.


ईडी की छापेमारी में साथ नहीं देने का लगाया आरोप


लक्ष्मी राणा इस बात से आहत हैं कि ईडी की कार्यवाही के बारे में कांग्रेस ने प्रतिक्रिया नहीं दी. कयास लगाए जा रहे हैं कि लक्ष्मी राणा बीजेपी में जाने के लिए आतुर हैं. हरक सिंह रावत की करीबी होने के चलते अभी बीजेपी में ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है. माना जा रहा है कि लक्ष्मी राणा के साथ एक और कांग्रेसी नेता बीजेपी ज्वाइन कर सकता है. लक्ष्मी राणा का बीजेपी में जाना ईडी की कार्यवाही से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि अभी उन्होंने बीजेपी का दामन नहीं थामा है, लेकिन बीजेपी के कई नेताओं से संपर्क की बात सामने आई है. 


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