Ajay Rai News: वाराणसी की एक स्थानीय विशेष अदालत से उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) को राहत मिली है. अदालत में करीब 27 साल पुराने मामले में अजय राय को राहत प्रदान की है. कोर्ट ने शनिवार को इस मामले सुनवाई करते हुए ये निर्णय लिया है. वाराणसी की MP MLA कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. अदालत ने करीब 27 वर्ष पहले जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर धरना-प्रदर्शन करने के मामले में शनिवार को बरी कर दिया.


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को वाराणसी के एमपीएमएलए कोर्ट से राहत मिली है.निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर धरना-प्रदर्शन करने के मामले में शनिवार को बरी कर दिया. अजय राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि अजय राय पर 27 वर्ष पूर्व बिना अनुमति धरना प्रदर्शन कर आवागमन बाधित करने और धारा 144 (निषेधाज्ञा) के उल्लंघन का आरोप था.


इस मामले में अदालत ने किया बरी
उन्होंने बताया कि वाराणसी की सांसद-विधायक अदालत (MP MLA Court) ने शनिवार को कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय के खिलाफ दर्ज मामले में फैसला सुनाया.अदालत के अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन प्रथम) उज्जवल उपाध्याय ने इस मामले में पूर्व मंत्री अजय राय को बरी कर दिया. अनुज यादव ने बताया कि वर्ष 1996 में अजय राय पर अपने समर्थकों को साथ लेकर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए धरना-प्रदर्शन कर कानून व्यवस्था को भी प्रभावित करने का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें राय पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हुए. जिस पर वाराणसी की सांसद-विधायक अदालत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें बरी कर दिया है. 


साल 1996 में धारा 144 उल्लंघन में मामले अजय राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में अदालत ने 27 साल बाद फैसला सुनाते हुए उन्हें दोष मुक्त कर दिया. अजय राय पर अपने समर्थकों को साथ लेकर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए धरना-प्रदर्शन कर कानून व्यवस्था को भी प्रभावित करने का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें राय पर लगे आरोप सिद्ध नहीं हुए. अजय राय की तरफ से अधिवक्ता अनुज यादव पक्ष रखा.


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