Allahabad Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में जहां समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया तो वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. 2009 के बाद कांग्रेस ने पहली बार 6 सीटों पर कब्जा किया. वहीं इलाहाबाद सीट पर तो कांग्रेस के उज्जवल रमण सिंह ने जीत दर्ज कर 40 साल बाद पार्टी के सूखे को ख़त्म कर दिया. इस सीट पर आखिरी बार 1984 में फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन ने रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज की थी. 


इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस के उज्जवल रमण सिंह से बीजेपी प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी को 58795 वोटों से हरा दिया. उज्जवल को कुल 462145 वोट मिले जबकि नीरज त्रिपाठी को 4,03,350 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस की ये जीत इसलिए और बड़ी हो जाती है कि इस सीट पर कांग्रेस 40 साल बाद चुनाव जीत पाई है. उज्जवल रमण सिंह सपा के कद्दावर नेता रेवती रमण के बेटे हैं. बीजेपी ने उनके मुकाबले पूर्व राज्यपाल और क़द्दावर नेता केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को उतारा था.


इलाहाबाद सीट पर 40 साल बाद जीती कांग्रेस
इलाहाबाद लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. आजादी के बाद से 1952 से 1984 तक एक बार (जनेश्वर मिश्र- 1977) छोड़ दे तो कांग्रेस ने लगातार यहां से जीत दर्ज की. लेकिन इसके बाद 40 साल तक कांग्रेस को जीत नहीं मिली पाई. 1984 में आखिरी बार इस सीट से अमिताभ बच्चन कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. 


1984 के चुनाव में इलाहाबाद सीट से लोकदल ने हेमवती नंदन बहुगुणा को टिकट दिया था. ऐसे ये चुनाव कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल हो गया, जिसके बाद पूर्व पीएम राजीव गांधी ने इस सीट से अपने दोस्त अमिताभ बच्चन से चुनाव लड़ने का आग्रह किया. अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता लोगों के सिर चढ़कर बोलती थी. इस चुनाव में दोनों के बीच ज़बरदस्त मुक़ाबला देखने को मिला और अमिताभ बच्चन ने यहां रिकॉर्ड मतों 68.21 फीसद वोटों से जीत दर्ज की. आज तक उनके रिकॉर्ड को कोई नहीं तोड़ पाया है. 


इलाहाबाद लोकसभा सीट काफ़ी अहम रही है. इस सीट से लाल बहादुर शास्त्री, हेमवती नंदन बहुगुणा, अमिताभ बच्चन, विश्वनाथ प्रताप सिंह, जनेश्वर मिश्र, मुरली मनोहर जोशी, रेवती रमण और रीता बहुगुणा जैसे नेता सांसद रह चुके हैं. 


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