नई दिल्ली, भाषा। कांग्रेस अध्यक्ष के पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी के नए अध्यक्ष की तलाश जारी है। कांग्रेस के निए अध्यक्ष के लिए पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक दिल्ली में हुई। रात साढ़े 8 बजे फिर सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी। बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा किहम लोग रात को फिर से मिलेंगे। नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान रात 9 बजे तक किया जा सकता है।


बतादें कि बैठक में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, कई प्रदेश अध्यक्ष और कई अन्य नेता शामिल रहे।


माना जा रहा है कि आज की सीडब्ल्यूसी की बैठक में नए अध्यक्ष के चयन के लिए किसी पैनल अथवा व्यवस्था पर निर्णय होगा। पार्टी के नये अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत और सुशील कुमार शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है। हालांकि पार्टी के तमाम नेता अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गांधी के नाम की पैरवी कर चुके हैं।


सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पर अगले कुछ दिनों के भीतर निर्णय हो जाएगा। दरअसल, राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से बनी असमंजस की स्थिति और नेतृत्व के संकट को खत्म करने की कोशिश करते हुए कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलायी है।


लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था, हालांकि राहुल अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा।


अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए गांधी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी वह पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे। उनके समर्थन में बहुत सारे नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया था।


राहुल के इस्तीफे के बाद से अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी में लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। नये अध्यक्ष को चुनने के लिए कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पायी।