देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल निराशा हाथ लगी है. इसके बाद से पार्टी में एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच सोनिया गांधी ने रविवार को पार्टी कार्यसमिति की बैठक बुलाई है. कांग्रेस के नेता इसमें हार की समीक्षा करने के साथ-साथ कांग्रेस की बेहतरी के उपायों पर चर्चा करेंगे. कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव तय समय से पूर्व कराने पर भी फैसला हो सकता है. इस बैठक से पहले कांग्रेस की संसदीय रणनीति समूह की बैठक अपने आवास पर बुलाई है.
उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के चुनाव में कांग्रेस को यूपी को छोड़ 4 राज्यों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी कहीं भी सरकार बनाने लायक सीटें नहीं जीत पाई. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का समूह जी-23 सक्रिय हो गया था. शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद के घर इन नेताओं ने बैठक की. इसमें पार्टी अध्यक्ष का चुनाव तत्काल कराने और दूसरे संगठनात्मक सुधार के कदम उठाने पर चर्चा हुई. इस खेमेबाजी को देखते हुए ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हार की समीक्षा के लिए कार्यसमिति की बैठक बुलाने का फैसला किया.
क्या कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द कराने पर भी होगी चर्चा
अगर कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द कराने का फैसला होता है तो इसका मतलब साफ होगा कि हाईकमान पार्टी में बढ़ रही बेचैनी को विद्रोह में तब्दील नहीं होने देना चाहता.कार्यक्रम के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सितंबर में होना है.
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस मुख्यालय में रविवार शाम होने वाली बैठक में नेताओं के निशाने पर नेतृत्व ही होगा. कांग्रेस के जी-23 नेताओं ने करीब दो साल पहले संगठन में बदलाव के लिए जिन सुझावों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र भेजा था उन पर अबतक अमल नहीं हुआ है.पिछले साल चार राज्यों पश्चिम बंगाल,केरल, असम और पुडुचेरी की हार के बाद भी असंतुष्ट नेताओं ने इन सवालों को उठाया था, तब कार्यसमिति की बैठक बुलाकर पराजय की समीक्षा के लिए एक समिति बना दी गई थी. लेकिन इस समिति की रिपोर्ट पर क्या हुआ, यह पता नहीं चल पाया है.
कार्यसमिति की बैठक से पहले होगी संसदीय रणनीति समूह की बैठक
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पहले कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार सुबह साढ़े 10 बजे पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक अपने आवास पर बुलाई है.
पंजाब में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ही नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला लिया था. उत्तराखंड में हरीश रावत को चुनावी कमान सौंपे जाने के बाद भी नेतृत्व ने कमान कसी रखी और उत्तर प्रदेश के चुनाव का संचालन खुद प्रियंका ने किया जहां कांग्रेस इस चुनाव में इतिहास के अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच गई है.