हाथरस की घटना को लेकर प्रदेश में थी दंगे भड़काने की तैयारी, जांच एजेंसियों के मिले साजिश के अहम सबूत, जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन
यूपी में हाथरस की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश था. यही नहीं, इस घटना से जुड़ी कई अफवाहों को फैला कर कुछ संगठन योगी सरकार के खिलाफ माहौल बनाना चाहते थे. फिलहाल साइबर सेल की टीम के हाथ सबूत लगे हैं. सरकार इस पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है.
![हाथरस की घटना को लेकर प्रदेश में थी दंगे भड़काने की तैयारी, जांच एजेंसियों के मिले साजिश के अहम सबूत, जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन conspiracy of riots in Uttar Pradesh with fake news of Hathras incident ann हाथरस की घटना को लेकर प्रदेश में थी दंगे भड़काने की तैयारी, जांच एजेंसियों के मिले साजिश के अहम सबूत, जल्द हो सकता है बड़ा एक्शन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/10/02093309/hathras-police.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लखनऊ. हाथरस मामले में जांच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के अहम सुराग मिले हैं. हाथरस के बहाने योगी सरकार को बदनाम करने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी. हालांकि सरकार की सतर्कता के चलते प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश नाकाम हुई. खबर ये भी है कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की गई थी. इसके अलावा दंगे भड़काने के लिए अफवाहों और फर्जी सूचनाओं का सहारा लिया गया था,यही नहीं, सोशल मीडिया का भी दुरूपयोग हुआ. प्रमाण मिलने पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया है.
अराजकता फैलाने के लिये की गई फंडिंग
इस पूरी साजिश में पीएफआई, एसडीपीआई और सरकार के निशाने पर रहे माफियाओं की मिलीभगत के ठोस सुराग मिले हैं. प्रदेश में अराजकता पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग की गई.
साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका के भी सबूत मिले. उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने, उपद्रवियों से वसूली कराए जाने और घरों की कुर्की कराने जाने की सीएम योगी की सख्त कार्रवाइयों से परेशान तत्वों ने ये पूरी योजना बनाई था.
सोशल मीडिया के जरिये फैलाई गई नफरत
हाथरस घटना से जुड़ी खबरें जैसे पीड़ित लड़की की जीभ काटे जाने, अंग भंग करने और गैंगरेप से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ा कर नफरत की आग भड़काने की कोशिश की गई थी. यही नहीं, अफवाह फैलाने के लिए ढेरों वैरिफाइड सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया. फिलहाल जांच एजेसियां वैरिफाइड एकाउंट का ब्यौरा तैयार करने में जुटीं हैं.
अफवाहें फैलाने और नफरत पैदा करने के लिए चंडीगढ की घटना की मृतका की तस्वीरें, हाथरस की बेटी की बता कर वायरल की गई.
आपको बता दें कि एक बड़े चैनल के स्क्रीन शाट में छेड़छाड़ करके नफरत भरे पोस्टर तैयार किए गए, इस पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है. दंगे भड़काने की साजिश के लिए तमाम आपत्तिजनक और फोटो शाप्ड तस्वीरों का भी जमकर इस्तेमाल हुआ. दूसरे राज्यों की शवों की फोटो शाप्ड तस्वीरों को हाथरस की पीड़िता की तस्वीरें बताकर नफरत पैदा करने की कोशिश की गई.
यूपी साइबर सेल ने इस पर मामले भी दर्ज किये हैं और धरपकड़ के लिये टीमें बनाई गई हैं.
भड़काऊ ऑडियो टेप मिले
हाथरस के पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने की साजिश का भी पर्दाफाश किया गया है. सबूत के तौर पर कई आडियो टेप मिले हैं, जांच एजेंसियों ने आडियो टेप का संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है. आडियो टेप में कुछ राजनीतिक दलों के साथ ही कुछ पत्रकारों की भी आवाज है.
परिवार को दिया गया लालच
इन आडियो टेप से राज खुला है, कि पीड़ित परिवारों को सरकार के खिलाफ भड़काने के लिए पचास लाख से एक करोड़ तक का लालच दिया गया. साथ ही पीड़ित परिवार को भड़काने के लिए बड़ी फंडिंग हुई.
महिला पत्रकार ने भड़काया
आडियो टेप से खुलासा से एक खुलासा हुआ है कि एक महिला पत्रकार ने सीएम से पीड़ित परिवार की बातचीत के तुरंत बाद परिवार को भड़काया और कहा कहा कि अगर सीएम की बात मान ली तो पुलिस उल्टे तुम्हें ही अपराधी साबित कर देगी. इस बातचीत के बाद परिवार दहशत में आ गया. जांच एजेंसियां आडियो टेप की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आते ही भड़काने वालों का पालीग्राफ और नार्को टेस्ट करा सकती है.
ये भी पढ़ें.
हाथरस कांड: पीड़ित परिवार ने कहा- सीबीआई नहीं सुप्रीम कोर्ट के जज से हो मामले की जांच
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)