Constitution Day 2023: अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने संविधान दिवस (Constitution Day 2023) पर सरस्वती स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना न पढ़ें जाने को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि संविधान दिवस के दिन मदरसों में संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर संविधान बचाने का संकल्प छात्रों ने लिया. लेकिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिरों में संविधान की प्रस्तावना नहीं पढ़ी गयी. जो आरएसएस के संविधान विरोधी चरित्र को उजागर करता है.


बीजेपी को नहीं है संविधान पर विश्वास- शाहनवाज
शाहनवाज आलम ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आरएसएस द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों में संविधान दिवस पर संविधान को बचाने का संकल्प नहीं दिलवाया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 26 नवम्बर 1949 को बाबा साहेब द्वारा राष्ट्रपति को संविधान सौंपे जाने के चौथे दिन ही आरएसएस ने अपने मुखपत्र ऑर्गनाइजर में लेख प्रकाशित कर सबको समानता का अधिकार देने वाले संविधान का विरोध करते हुए इसकी जगह मनु स्मृति लागू करने की बात कही थी. 


RSS ने की संविधान बदलने की कोशिश
उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार में भी आरएसएस ने संविधान को बदलने की कोशिश की थी. लेकिन भारी विरोध के कारण उसे बैकफुट पर आना पड़ गया था. अब मोदी सरकार फिर से संविधान से समानता, बराबरी, समाजवादी और सेकुलर शब्द हटाकर गैर बराबरी वाली प्राचीन व्यवस्था को लागू करने की साज़िश रच रही है. जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा.


'स्कूलों पर कब कार्रवाई करेंगे सीएम योगी'
शाहनवाज आलम ने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सबको देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटने वाले आरएसएस और बीजेपी को बताना चाहिए कि सरस्वती शिशु मंदिरों में संविधान को बचाने का संकल्प क्यों नहीं दिलवाया गया? क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसा न करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई करेंगे. 


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