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अयोध्या में 15 अक्टूबर से शुरू होगा राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण, अगले सप्ताह होगी पिलर की टेस्टिंग
राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र के अनुरूप राम मंदिर बनाने के लिए 1200 स्थानों पर 1 मीटर व्यास और 100 फिट गहरे पिलर तैयार किए जाने हैं. अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण 15 अक्टूबर के आसपास शुरू होगा.
![अयोध्या में 15 अक्टूबर से शुरू होगा राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण, अगले सप्ताह होगी पिलर की टेस्टिंग Construction of Ram Janmabhoomi temple will begin in Ayodhya from October 15 ann अयोध्या में 15 अक्टूबर से शुरू होगा राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण, अगले सप्ताह होगी पिलर की टेस्टिंग](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/25202637/ram-5-thumbnail.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लखनऊः अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण 15 अक्टूबर के आसपास शुरू होगा. इसके पहले अगले सप्ताह यानि 15 या 17 सितंबर से एक पिलर का कार्य शुरू होगा, जिसके परीक्षण की प्रक्रिया लगभग एक माह चलेगी इसके बाद 15 अक्टूबर से मानचित्र के अनुसार 1199 अन्य स्थानों पर पिलर बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा. जिसके बाद राम जन्मभूमि निर्माण की पूरी प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी.
राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र के अनुरूप राम मंदिर बनाने के लिए 1200 स्थानों पर 1 मीटर व्यास और 100 फिट गहरे पिलर तैयार किए जाने है जिसको बीम के जरिए जोड़कर राम मंदिर निर्माण की बुनियाद स्ट्रक्चर का ढांचा तैयार किया जाएगा .
सबसे पहले अगले सप्ताह यानि 15 या 17 सितंबर से 1 मीटर व्यास और 100 फीट गहरा एक कुआं खोदा जाएगा जैसा पुल के लिए पिलर बनाते समय नदियों में खोदा जाता है. उसमें एक खंबे की पाइलिंग की जाएगी और फिर उसका परीक्षण किया जाएगा यह परीक्षण लगभग एक माह चलेगा परीक्षण में पास होने के बाद 1199 जगह पर ऐसे ही खंभे तैयार किए जाएंगे.
यह काम 15 अक्टूबर के आसपास शुरू होगा यानि राम जन्मभूमि परिसर में बुनियाद स्ट्रक्चर के लिए खुदाई का कार्य तो अगले सप्ताह में 15 या 17 सितंबर से शुरू हो जाएगा, लेकिन केवल परीक्षण के लिए लेकिन इसके बाद 15 अक्टूबर से राम जन्मभूमि मंदिर की बुनियाद स्ट्रक्चर का कार्य पूरी तौर पर शुरू होगा.
अभी नींव का गड्ढा खोदने वाली मशीन या कुआं गलाने वाली मशीन जिस तरह से नदियों के अन्दर पुल बनते हैं उसके खंभे गहराई तक जाते हैं मशीनों से काम होता है वह एक मशीन आई है उसे रिग मशीन कहते हैं. जिससे 1 मीटर व्यास का का गोला और 100 फीट गहरा गढ्ढा खोदा जाएगा. ऐसा सबसे पहले एक परीक्षण के तौर पर नींव का एक खंभा नीचे डाला जाएगा वह केवल टेस्ट पाइलिंग माना जाएगा.
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