अलीगढ़: अलीगढ़ का पंचायत चुनाव पूरे उत्तर प्रदेश में सुर्खियों में छाया है, क्योंकि यहां पर दो पूर्व सीएम घरानों की जोरदार टक्कर हो रही है. इसमें पूर्व सीएम कल्याण सिंह और अखिलेश यादव की रिश्तेदार दो महिलाएं जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदार हैं. जैसे-जैसे मतदान की तारीख पास आ रही है, दोनों खेमों का तनाव बढ़ता जा रहा है. पूर्व सीएम एवं वरिष्ठ भाजपा नेता कल्याण सिंह के बेटे एटा सांसद राजवीर सिंह 'राजू' की समधन विजय देवी भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद दावेदार हैं. वहीं, पूर्व सीएम एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र के बहनोई संजय यादव की पत्नी अर्चना यादव सपा-रालोद गठबंधन की उम्मीदवार हैं. आज दोनों ही प्रत्याशी नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट पहुंची जहां उन्होंने अपना नामांकन किया. दोनों ही प्रत्याशी राजनीति के क्षेत्र में नई हैं.


कल्याण सिंह के रिश्तेदार होने का लाभ मिला


भाजपा की प्रत्याशी विजय देवी ने कहा कि, कल्याण सिंह के रिश्तेदार होने का फायदा मिलेगा. सभी तरह के फायदे हमको मिलेंगे. राजनीति में नई होने के सवाल पर कहा कि, अच्छे तरीके से हम जिला पंचायत चलाएंगे. विकास की, गरीब की बातें होंगी और असहायों की मदद करने की बातें होंगी. क्षेत्र में सड़के खराब हैं. पानी की व्यवस्था नहीं है. कहीं, बिजली के नंगे तार हैं. नीचे लाइन जा रही है. सबको सही कराना है. पिछले 4 वर्ष में भाजपा की सरकार में ऐसी स्थिति होने के सवाल पर विजय देवी किनारा कर गई और मीडिया से बच कर निकल गई.


उधर, समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अर्चना यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, क्षेत्र में जाकर हम विकास कराएंगे. महिलाओं के लिए हमारे प्रयास रहेगा. निष्पक्ष चुनाव होने की उम्मीद कम है. हम बिल्कुल जीतेंगे. भाजपा हमेशा झूठ बोलती है और अभी भी झूठ बोल रही है. हमारी रणनीति बन चुकी है और अगर बड़े घराने चुनाव लड़ते हैं तो छोटों को जगह नहीं मिलेगी. सबको अधिकार है चुनाव लड़ने का. हम लोग किसी से नहीं डरते, लेकिन भाजपा कुछ भी कर सकती है. समाचार पत्रों में मैंने देखा कि हमें पता चला कि इन लोगों ने सदस्यों को बंधक बनाया है. हमने शिकायत भी की है. सब के आशीर्वाद से आगे बढ़ेंगे.


सपा ने बीजेपी पर लगाए आरोप


उधर, समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह व जिलाध्यक्ष गिरीश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के लोग और प्रशासन पर आरोप लगाए. अंदर जबरदस्ती काफी संख्या में आदमी ले जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, अगर किसी की सरकार है तो ऐसा थोड़ी है नंगा नाच होगा. हमने भी हमेशा कानून के दायरे में रहकर काम किया है. हमारा कहना है कि डीएम उन सदस्यों को छुड़वाया जो लोग बंधक बनाए हुए हैं.


उधर अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने सपा नेता के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि जिसकी हार होती है वह ऐसे ही आरोप लगाता है. पारदर्शिता से चुनाव है और एक तरफा चुनाव है. हमने किसी को बंदी नहीं बनाया है. सब आजादी से हैं अपनी मर्जी से एंजॉय कर रहे हैं. अगर बंदी है तो डीएम को शिकायत करें. भाजपा किसी को बंदी नहीं बनाती. सपा हमेशा से बंदी बनाती है. हम आजादी से चुनाव लड़ रहे हैं सारे सदस्य हमारे साथ हैं.


शिकायत पर अलीगढ़ के डीएम चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि, एक भी सदस्य ने शिकायत नहीं की है. उन्होंने कहा कि, कोई भी इस तरह की शिकायत नहीं मिली है. जहां तक चुनाव की बात है वह निष्पक्षता की पूरी प्रक्रिया अपनाई जा रही है इस तरह के आरोप निराधार हैं.


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