Haeavy Rain in Rudraprayag: रुद्रप्रयाग जिले में बारिश रूकने का नाम नहीं ले रही है. लगातार हो रही बारिश के कारण जन जीवन खासा प्रभावित हो गया है. केदारनाथ धाम में चार दिनों से बारिश जारी है. बारिश के कारण पुनर्निर्माण कार्य रूके पड़े हैं. हालांकि, धाम में बिजली आपूर्ति सुचारू होने से पत्थर कटिंग का कार्य चल रहा है, लेकिन बारिश के कारण सीमेंट वर्क का कार्य नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा केदारनाथ और बद्रीनाथ हाईवे की हालात काफी खस्ता हो चुकी है. जगह-जगह कीचड़ और मलबा होने से लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लिंक मार्ग बंद होने से लोगों को रोजमर्रा की सामग्री के लिए परेशान होना पड़ रहा है. वहीं, जिला मुख्यालय स्थित पुनाड़ गदेरे के उफान पर आने से तीन दिनों से पेयजल सप्लाई ठप पड़ी है. ऐसे में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है.


जनजीवन अस्त व्यस्त


बता दें कि, मौसम विभाग की चेतावनी सटीक साबित हो रही है. पहाड़ी जिलों में बारिश लगातार जारी है. बारिश के कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है. केदारनाथ धाम में चार दिनों से भारी बारिश के चलते पुनर्निर्माण कार्य नहीं हो पा रहे हैं. धाम में द्वितीय चरण के कार्य होने हैं, जिन्हें अगले वर्ष तक पूरा होना है, लेकिन मौसम खराब होने से निर्माण कार्य बंद पड़े हुए हैं. धाम में तीन दिन बाद बिजली आपूर्ति सुचारू हो गयी है. ऐसे में पत्थर कटिंग का कार्य शुरू हो गया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से सीमेंट वर्क का कार्य करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में निर्माण एजेंसी के मजबूर खासे परेशान हैं.


सप्लाई में आ रहा है दूषित पेयजल


मूसलाधार बारिश ने लोगों को परेशान करके रख दिया है. बारिश के कारण गाड़-गदेरे उफान पर हैं. जिला मुख्यालय स्थित पुनाड़ गदेरा भी उफान पर आया हुआ है. ऐसे में पेयजल की सप्लाई भी ठप पड़ी है, जबकि गदेरे के आस-पास के भवनों को खतरा पैदा हो गया है. जिला मुख्यालय में पन्द्रह हजार से अधिक जन संख्या निवास करती है, जो पुनाड़ गदेरे पर ही निर्भर है. लोग पानी के लिए परेशान है. जिन जगहों पर पानी आ भी रहा है, वहां दूषित पेयजल की सप्लाई की जा रही है, जिससे लोगों में बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है. बारिश से बद्रीनाथ एवं केदारनाथ हाईवे कीचड़ में तब्दील हो गया है.


ऑल वेदर कार्य के चलते राजमार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है. ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा, खांखरा और सिरोबगड़ में लगातार पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है, जिससे इन स्थानों पर घंटों तक आवाजाही प्रभावित हो रही है. राजमार्ग के दोनों ओर वाहनों का जमावड़ा लग रहा है. मलबा साफ करने में भी एनएच विभाग के पसीने छूट रहे हैं. केदारनाथ हाईवे की बात करें तो यहां भी ऑल वेदर कार्य के बाद से कई डेंजर जोन उभर आये हैं. राजमार्ग के सौड़ी, रामपुर, अंधेरगड़ी, कुंड, फाटा, शेरसी, नारायणकोटी, सोनप्रयाग आदि स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है. 


एक दर्जन से अधिक लिंक मार्ग बंद 


ऊपरी पहाड़ी से मलबे के साथ ही बोल्डर भी गिर रहे हैं, जो किसी भी समय मौत का कारण बन सकते हैं. ऐसे में लोगों को आवाजाही करने में खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. जिला मुख्यालय में बारिश के कारण सड़कों पर गड्डे बन गये हैं, जिन्हें भरने का कार्य किया जा रहा है. वहीं बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों की भी दयनीय स्थिति बनी है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जिले के एक दर्जन से अधिक लिंक मार्ग बंद पड़े हुए हैं. ग्रामीणों को रोजमर्रा की आवश्यक चीजों के लिए परेशान होना पड़ रहा है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले पैदल संपर्क मार्ग भी मूसलाधार बारिश की भेंट चढ़ गये हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश से काफी दिक्कतें हो रही हैं.


आवासीय भवनों को खतरा 


मूसलाधार बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. जिला मुख्यालय से तीन किमी की दूरी पर रैंतोली में भूस्खलन होने से तीन आवासीय भवनों को खतरा उत्पन हो गया है. प्रभावित परिवारों ने अपने आशियानों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की शरण ले ली है. जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र बिष्ट एवं पीड़ित दिनेश बिष्ट ने कहा कि बारिश के कारण रैंतोली में भूस्खलन होने से आवासीय भवनों को खतरा बना हुआ है. प्रशासन को सूचना देने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. ऐसे में पीड़ित परिवारों ने अपने आशियानों को छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी है. पीड़ित परिवार आवासीय मकानों को छोड़ चुके हैं और प्रशासन कोई खबर लेने तक को तैयार नहीं है.


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