मेरठ: कोरोना काल में मेरठ के मेडिकल कॉलेज में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को पिछले 5 महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिसको लेकर उन्होंने मेडिकल कॉलेज परिसर के अंदर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि, जब तक उन्हें उनका वेतन नहीं मिल जाता उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
धरने पर बैठे संविदा कर्मचारी
मेरठ के मेडिकल कॉलेज में संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं. इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जबतक इन्हें वेतन नहीं मिलता तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे और काम का बहिष्कार करेंगे. हालांकि, इन कर्मचारियों के प्रदर्शन से स्वास्थ्य सेवा भी बाधित हो रही है, क्योंकि इन कर्मचारियों की संख्या सैकड़ों में है और पूरे कोरोना काल में इन कर्मचारियों ने पूरी मेहनत से अपना काम किया था.
अब कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की बात
इन कोरोना वॉरियर्स का कहना है कि, लॉकडाउन के दौरान भी वो अपनी ड्यूटीज़ को अंजाम दे रहे थे. और कई लोगों को इस दौरान कोरोना भी हो गया. जान की बाज़ी लगाकर काम करने के बाद अब उनके सामने भूखो मरने की नौबत आ गई है. इन कर्मचारियों का ये भी कहना है कि, और अब मार्च में कांट्रैक्ट ख़त्म करने की बात भी कही जा रही है.
किराये के पैसे नहीं
इन लोगों का कहना है कि, कोई दो सौ किलोमीटर तो कोई तीन सौ किलोमीटर से आकर यहां नौकरी कर रहा है. किराया देने के लिए भी पैसा नहीं है. इन कर्मचारियों का कहना है कि अब वो अऩाथ जैसा महसूस कर रहे हैं. दो हज़ार सोलह से आउटसोर्सिंग का ये स्टाफ मेडिकल कॉलेज में काम कर रहा है. और ये कम्पनी का दायित्व है कि वो सैलरी दे. उन्होंने कहा कि हम कम्पनी को इसका पेमेंट करेंगे. कम्पनी और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के बीच अगर कोई पिस रहा है तो आउटसोर्सिंग स्टाफ, जिन्होंने लॉकडाउन के वक्त कोरोना वॉरियर बनकर काम किया और आज भी कर रहे हैं.
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