Darul Uloom Deoband: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट की जांच करने लिए कहा है. इस वेबसाइट पर जारी फतवों को लेकर यूपी सरकार को जांच के लिए कहा गया है. आयोग के मुताबिक दारुल उलूम की वेबसाइट पर फतवों की सूची है जो देश के कानून द्वारा प्रदान किए गए प्रावधानों के खिलाफ है. जब तक वेबसाइट से इस तरह की सामग्री हटा नहीं ली जाती तब तक इसकी पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया जाए. 


राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कहना है कि इस तरह के बयान बच्चों के अधिकारों के विपरीत है और वेबसाइट तक खुली पहुंच उनके लिए हानिकारक है. जब तक वेबसाइट से इस तरह की सामग्री हटा ली नही जाती जब तक इसकी पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया जाए. इसके साथ ही राज्य सरकार से भारत के संविधान भारतीय दंड संहिता, किशोर न्याय अधिनियम 2015 और शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए संस्थान के खिलाफ आवश्यक कार्यवाई करने के लिए भी कहा है यूपी सरकार को 10 दिनों के भीतर कार्यवाई की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है. 


इस संबंध में जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि आयोग से प्राप्त निर्देश के अनुसार कार्रवाई करते हुए दारुल उलूम को नोटिस जारी किया है. आयोग से निर्देश प्राप्त हुआ था कि इस वेबसाइट पर रोक लगाएं. इसमें डाले गए कंटेंट में तमाम तरह के कानूनों का उल्लंघन किया गया है. उसके लिए उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए. जिला स्तर पर उन लोगों को नोटिस जारी किया गया है जिसके उत्तर में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट प्रस्तुत किया है, जिसमें कहा गया है कि व्यक्तिगत जो प्रश्न का उत्तर दिया जाता है वह फतवे का प्रभाव नहीं रखता है. उनके इस जवाब का परीक्षण कराया जा रहा है.


जिलाधिकारी ने बताया कि आयोग ने ये भी निर्देशित किया था कि उस पर जो भी विवाद सामग्री है उसको तुरंत हटवा दें या रोक लगा दें. अभी इस लिंक को रोका गया है. सूचना के अनुसार दारुल उलूम द्वारा विवादित सामग्री को हटवा दिया गया है, जांच की जा रही है कि उसमें चाइल्ड राइट का उल्लंघन है या नहीं है इसकी विधिक जांच की जा रही है. अगर कोई कानून का उल्लंघन पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. पूरी वेबसाइट बंद नहीं की गई है सिर्फ विवादित सामग्री को ही हटवाया गया है. 


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