लखनऊ, एबीपी गंगा। कोटा में तैयारी कर रहे छात्रों को यूपी सरकार द्वारा निकालने का अभियान जारी है। कोटा के एसपी गौरव यादव के मुताबिक 250 बसे रवाना हो चुकी हैं। लगभग 7500 बच्चे रवाना हो चुके हैं। 70 बसें यूपी से और आ रही हैं। 75 बसें राजस्थान रोडवेज की जाएंगी। लगभग 4350 बच्चें बाकी हैं जिन्हें लेकर अभी जाना है। हर बस में 30 बच्चों को भेजा जा रहा है। बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो रहा है। बसों को सैनिटाइज भी किया जा रहा है। बच्चों को स्क्रीनिंग के बाद ही बसों में बैठाया जा रहा है। बसें एलेन इंस्टीट्यूट के कैम्पस में बस अड्डे से आती हैं और यहां से बसों में छात्रों को बिठाकर रवाना कर दिया जाता है। एलेन इंस्टीट्यूट में बड़ी संख्या में छात्र इकट्ठा हैं। स्पॉट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। उधर कोटा में तैयारी कर रहे दूसरे राज्यों के छात्र भी अपने राज्यों की सरकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।


निशाने पर सीएम योगी


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोटा में फंसे छात्रों के लिये सरहानीय फैसला लिया है। लेकिन इसे लेकर विवाद भी बढ़ता जा रहा है। छात्रों को कोटा से निकाले जाने पर योगी सरकार की आलोचना भी हो रही है। राजस्थान कांग्रेस की प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने कहा कि कोटा में पढ़ रहे यूपी के छात्रों की वापसी के लिए योगी आदित्यनाथ ने अशोक गहलोत से सम्पर्क किया था। ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी सुविधा केवल सक्षम वर्ग तक सीमित ना रहे। राजस्थान सरकार सबका ख्याल रखने में सक्षम है।


मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी राज्य सरकार के फंसे छात्रों को वापस बुलाने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया यूपी सरकार ने राजस्थान के कोटा में फँसे अपने प्रदेश के छात्रों को वापस लाने के लिये बसें भेजी हैं। मध्य प्रदेश सरकार को भी देश के अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के छात्रों , नागरिकों व मज़दूरों को वापस लाने के लिये आवश्यक गाइडलाइन का पालन कर गंभीर प्रयास करना चाहिये।


यूपी सरकार के फैसले को नीतीश कुमार ने गलत ठहराया


इससे पहले, शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष बसें भेजने के फैसले को गलत ठहराया था। यूपी से कोटा के लिए जो दो सौ बसें भेजी जा रही हैं, उसका विरोध करते हुए बिहार सरकार ने पीएम से हस्तक्षेप की मांग की है। बिहार के सूचना एवं जन संपर्क मंत्री नीरज कुमार सिंह ने एबीपी न्यूज़ नेटवर्क से बात करते हुए यूपी सरकार के इस कदम का विरोध जताया है। नीरज सिंह ने साफ कहा कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन है। बिहार में कोरोना से लड़ने के लिए लाखों लोगों का स्क्रीनिंग हो रही है। बसों के परिचालन से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होगा। दूसरे राज्यों पर दबाव बनेगा। प्रधानमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।