उत्तराखंड: मदरसों में संस्कृत अनिवार्य करने पर विवाद, मौलानाओं ने फैसले पर जताई आपत्ति
Bareilly News: उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत अनिवार्य करने को लेकर यूपी के मौलानाओं ने विरोध शुरू कर दिया है. कहा इससे टकराव की स्थिति पैदा होगी और ये संविधान के उसूलों के खिलाफ है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृति के अनिवार्य विषय करने को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है. ये फैसला भले ही उत्तराखंड की सरकार ने दिया है लेकिन इसका विरोध यूपी के मौलानाओं ने शुरू कर दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने तो यहां तक कह दिया कि धामी सरकार लोगों को बांटने का काम कर रही है. इससे टकराव की स्थिति पैदा होगी और ये संविधान के उसूलों के खिलाफ है.
दरअसल उत्तराखंड की धामी सरकार ने मदरसों में संस्कृत को अनिवार्य विषय कर दिया है. अब मदरसों में श्लोक और मंत्र गूंजेंगे तो वही इस का विरोध भी शुरू हो गया है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस पर कड़ी प्रक्रिया देते हुए कहा है कि मदरसे में मंत्र और श्लोक पढ़ना दुरुस्त नहीं होगा. इससे कहीं ना कहीं टकराव की स्थिति पैदा होगी.
'संविधान के उसूलों के खिलाफ है आदेश'
मौलाना ने आगे कहा कि, मंत्र और श्लोक का पढ़ा जाना या पढ़ाया जाना उसके लिए आदेश पारित करना मैं यह समझता हूं यह कहीं ना कहीं संविधान के उसूलों के खिलाफ है. यह फैसला समाज के ताने वाने को एक साथ में नहीं रख पाएगा बल्कि कहीं ना कहीं एक टकराव की स्थिति उत्पन्न होगी. इससे ऐसा फैसला ऐसा हुकुमनामा उत्तराखंड के सीएम धामी को जारी नहीं करना चाहिए जिससे समाज टूटे, बल्कि उनको जोड़ने का काम उनको करना चाहिए.
कहा कि, अगले 500 सालों तक हिंदुस्तान हिंदू मुल्क नहीं बन सकता. दूसरी ओर ये भी कहा कि मदरसों में संस्कृत पढ़ाना अच्छी बात है. हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते है. क्योंकि भाषाओं का ज्ञान होना अच्छी बात है. अगर मदरसों में श्लोक और मंत्र पढ़ाए जाते है तो हम इसकी मुखालफत करते है.
वही दूसरी ओर मदरसे के मौलाना सैफुद्दीन का कहना है कि मोदी और योगी सरकार द्वारा मदरसे में उर्दू, अरबी फारसी के अलावा बच्चों को अंग्रेजी, विज्ञान और कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही है. यहां पर NCERT की किताबें पढ़ाई जा रही है. हमारे यहां पढ़ने वाले बच्चे डॉक्टर, इंजिनियर, शिक्षक बन रहे है. उन्होंने कहा कि संस्कृत का ज्ञान होना अच्छी बात है. जब उनसे ये पूछा गया कि अगर योगी सरकार ऐसा फैसला करती है तो आप क्या करेंगे तो उन्होंने कहा हमारी कमेटी है वो जो तय करेगी हम उसे मानेंगे.
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