अयोध्या में अनवरत चलने वाली रामलीला पर लगा ग्रहण, 600 कलाकारों के सामने रोजी रोटी का संकट
अयोध्या में साल 2004 से चल रही अनवरत रामलीला पर कोरोना का साया गहराता जा रहा है. मौजूदा महामारी के चलते इसका आयोजन मार्च से बंद है. इसकी वजह से इस रामलीला से जुड़े 600 कलाकारों के सामने जीविकोपार्जन की समस्या आन खड़ी हुई है.
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अयोध्या. अयोध्या में चल रही 2004 से अनवरत रात रामलीला का भविष्य एक बार फिर अधर में है. कोरोना काल के वजह से अयोध्या में होने वाली अनवरत रामलीला 21 मार्च से ही बंद है जिससे रामलीला मंचन से जुड़े हुए करीब 600 कलाकारों की जीवका भी प्रभावित है. अनलॉक होते ही अयोध्या शोध संस्थान ने ओपन रामलीला की योजना बनाई जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी लेकिन अब जिला प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते मरीजों के वजह से ओपन रामलीला के मंचन को भी मंजूरी नहीं दी.
2004 से चल रही थी 'अनवरत रामलीला'
आपको बता दें कि मई 2004 से अयोध्या में अनवरत रामलीला का मंचन चालू था जिसमें 600 कलाकार अपनी जीविका चला रहे हैं लेकिन फिलहाल करोना काल की वजह से अनवरत रामलीला के मंचन पर रोक लग गई और 21 मार्च से रामलीला बंद है. इसी के साथ ही अयोध्या शोध संस्थान के कार्यालय के विस्तारीकरण और सौंदर्य करण का काम शुरू हो गया, जिसकी वजह से अब अयोध्या शोध संस्थान के कार्यालय को रामकथा संग्रहालय में शिफ्ट किया गया और ओपन रामलीला की योजना बनाकर प्रस्ताव जिलाधिकारी को सौंपा गया. दीपोत्सव स्थल पर यह रामलीला ओपन में करने की कार्य योजना अयोध्या शोध संस्थान ने बनाई थी लेकिन इस पर भी कोरोना के मरीजों की संख्या के कारण जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी अब इस वजह से लगभग 600 रामलीला के कलाकार के परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
600 कलाकार मुश्किल में
अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ ने बताया कि ओपन रामलीला को कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या के वजह से जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है. एक वर्ष में 600 कलाकार अयोध्या शोध संस्थान के द्वारा संचालित रामलीला पर मंचन करके अपने परिवार की जीविका चलाते हैं लेकिन फिलहाल कोरोना काल की वजह से वह मुश्किल में हैं.
वर्चुअल रामलीला का प्रस्ताव
अब अयोध्या शोध संस्थान से जुड़े हुए कलाकारों को लाभान्वित करने के लिए वर्चुअल रामलीला का मंचन कराया जाएगा, जिसके लिए कुछ पारिश्रमिक भी कलाकार और रामलीला मंडलियों को देने की योजना बनाई जा रही है. जिसमें रामलीला के प्रसंगों पर आधे घंटे का वीडियो शूट करके अयोध्या शोध संस्थान को भेजना होगा जिस पर अयोध्या शोध संस्थान कलाकारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करेगा.
क्या कहना है अवध रामलीला मंडली के अध्यक्ष का
वहीं, अवध रामलीला मंडली के अध्यक्ष और विदेशों तक रामलीला का परचम लहराने वाले अवध रामलीला मंडली के अध्यक्ष महंत मनीष दास ने कहा कि यह संकट का समय है, रामलीला से जुड़े और सांस्कृतिक कलाओं से जुड़े लोगों के सामने जीवकापार्जन का संकट खड़ा हो गया है. अयोध्या में अयोध्या शोध संस्थान के द्वारा संचालित अनवरत रामलीला में बड़ी संख्या में कलाकारों के संरक्षण का कार्य होता रहा है, लेकिन कोरोना काल में सभी तरीके की रामलीला बंद है. रामलीला के क्षेत्र में जुड़े हुए कलाकारों के परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा है.
सांस्कृतिक विभाग के द्वारा संचालित अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक से आग्रह किया गया था, जिस पर 21 सितंबर से अनवरत रामलीला को दोबारा से प्रारंभ करने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगने के लिए आश्वासन दिया गया था, परंतु जिला प्रशासन के द्वारा अनुमति नहीं मिली. रामलीला के क्षेत्र में जुड़े हुए कलाकारों के परिवारों के सामने कठिन समस्या खड़ी है रामलीला मंडली को संचालित करने वाले मनीष दास ने सरकार से मांग की है कि किसी भी तरह से रामलीला के कलाकारों का संरक्षण सरकार द्वारा किया जाना चाहिए.
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