Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड में चुनावी अभियान पीक पर है, लेकिन नेताओं के सामने टेंशन है कि वे वोटर्स को ज्यादा से ज्यादा कैसे कनेक्ट करें क्योंकि चुनाव आयोग ने रैली पर प्रतिबंध लगा दिया है, अब पार्टियों और नेताओं के सामने सिर्फ वर्चुअल ही चुनाव प्रचार एक माध्यम बचा है जिसको पार्टियां अपना भी रही है. पहाड़ों में कनेक्टिविटी और कोरोना नेताओं की टेंशन और ज्यादा बढ़ा रहा है.


नेताओं की टेंशन चुनाव प्रचार
उत्तराखंड में कोरोना महामारी सिर्फ लोगों के लिए ही नहीं बल्कि इस बार नेताओं के लिए भी टेंशन बढ़ाने जा रहा है. नेताओं की ये टेंशन अपने स्वास्थ्य को लेकर नहीं बल्कि चुनावों को लेकर है क्योंकि उत्तराखंड में चुनावी अभियान जोरों पर है, लेकिन नेता, लोगों से ज्यादा से ज्यादा कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं. चुनाव आयोग की रैलियों पर प्रतिबंध के बाद अब नेताओं के सामने सिर्फ वर्चुअल चुनाव प्रचार ही एक माध्यम बचा है.


आयोग से कनेक्टिविटी ठीक कराने की गुहार
नेता वर्चुअली चुनाव अभियान चला रहे हैं, लेकिन उनके सामने एक टेंशन है कि पर्वतीय जिलों में जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है और जहां कनेक्टिविटी नहीं है उन लोगों तक कैसे पहुंचा जाए. यह बात खुद पार्टी के नेता भी मान रहे हैं कि जो प्रचार रैलियों के माध्यम से किया जाता है वह सोशल मीडिया के जरिये नहीं हो सकता और इसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग से गुहार लगाई है कि कनेक्टिविटी को ठीक किया जाए.


मौसम भी डाल रहा खलल
उत्तराखंड में कोरोना लगातार पैर पसारता जा रहा है. राज्य में हर दिन 1500 के करीब मामले सामने आ रहे है. कोरोना तो चुनावों में नेताओं के लिए परेशानी है ही, लेकिन मौसम की बेरुखी भी नेताओं के लिए चुनावी अभियान में खलल डाल रही है. शायद चुनावों के दौरान ये पहली बार हो रहा है कि राजनीतिक पार्टियां चुनावी रैलियां नहीं कर पाएंगी और न ही बड़े स्तर पर कोई गैदरिंग होगी. जिससे पार्टियों का चुनावी अभियान फीका होता नजर आ रहा है. हालांकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष  दावा कर रहे हैं कि वर्चुअली संवाद के लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं. 
 
उत्तराखंड का अधिकांश हिस्सा पर्वतीय क्षेत्र है, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी की सबसे ज्यादा दिक्कत है, ग्रामीण क्षेत्रों में तो अधिकांश वोटर्स के पास एंड्रॉयड फोन ही नही है ,ऐसे में नेताओं के सामने यह समस्या है कि इस चुनावी माहौल में वोटर्स को अपने पक्ष में कैसे किया जाए ,तो वहीं बढ़ता कोरोना का ग्राफ भी टेंशन बढ़ा रहा है.


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